रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह
रक्षा मंत्रालय ने आवंटित बजट के उपयोग और अनुबंधों पर हस्ताक्षर करते हुए घरेलू रक्षा औद्योगिक बुनियाद के विस्तार एवं विविधीकरण में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव हासिल किया है। यह बात रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा बजट को वित्त वर्ष 2029-30 तक बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के कम से कम 2.5 फीसदी तक करने के लिए परिस्थितियां अब अनुकूल हो रही हैं। फिलहाल यह आंकड़ा जीडीपी का 1.9 फीसदी है।
रक्षा सचिव ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ संघर्ष के बीच उभरती भू-राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनजर रक्षा मद में आवंटन बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में पहली बार वित्त वर्ष 2025 में सैन्य आधुनिकीकरण बजट के पूरी तरह इस्तेमाल होने और रिकॉर्ड 2 लाख करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय आवंटन बढ़ाने की मांग कर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि अगले 5 वर्षों में रक्षा मद में आवंटन जीडीपी का कम से कम 2.5 फीसदी हिस्सा होगा।’ सिंह ने कहा, ‘2.5 फीसदी के पड़ाव तक पहुंचना 3 फीसदी के मध्यावधि लक्ष्य की ओर पहला कदम होगा। इसमें सशस्त्र बलों पर पूंजीगत व्यय जीडीपी के मौजूदा 0.5 फीसदी से बढ़कर 0.8 फीसदी हो जाएगा।’ मगर अधिक आवंटन के लिए अगले बजट में उचित समय पर ही विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर चालू वर्ष के लिए अतिरिक्त रकम की व्यवस्था संशोधित अनुमान (आरई) के तहत की जाएगी, क्योंकि बजट अनुमान (बीई) को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
वित्त वर्ष 2020 से 2025 के दौरान भारत के रक्षा व्यय में केंद्र सरकार के व्यय (सीजीई) और जीडीपी दोनों के प्रतिशत में गिरावट स्पष्ट तौर पर दिखी है। मगर निरपेक्ष रूप से इसमें वृद्धि दर्ज की गई है। सीजीई में रक्षा मद का हिस्सा वित्त वर्ष 2020 में 16.86 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 12.90 फीसदी रह गया। इस दौरान जीडीपी में उसका हिस्सा भी 2.25 फीसदी से घटकर 1.91 फीसदी रह गया।
सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह आवंटन वित्त वर्ष 2026 के समग्र राष्ट्रीय बजट का 13.45 फीसदी है। यह रकम सभी मंत्रालयों के आवंटन में सबसे अधिक और जीडीपी की 1.91 फीसदी है।
वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 26 के बीच सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए बजट अनुमान 80,959.08 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया जो करीब 83.7 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2024 के बीच सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर कुल वास्तविक व्यय तीन वर्षों के संशोधित अनुमानों के तहत किए गए आवंटन से अधिक रहा। वित्त वर्ष 2020 में 0.97 फीसदी, वित्त वर्ष 2021 में 4.06 फीसदी और वित्त वर्ष 2022 में 0.06 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। मगर वित्त वर्ष 2023 और वित्त वर्ष 24 में वास्तविक व्यय में कमी आई।
सूत्रों ने कहा कि अधिक आवंटन से आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा। रक्षा मंत्रालय ने रक्षा विनिर्माण एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 2021 से रक्षा आधुनिकीकरण बजट का एक हिस्सा (75 फीसदी) घरेलू उद्योगों के लिए निर्धारित करना शुरू कर दिया है।