करदाताओं को अनुपालन संबंधी राहत देने और संपर्करहित आकलन योजना को विस्तार देने के लिए लोकसभा ने आज कराधान विधेयक पारित कर दिया। इस कानून में रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाया जाना और पैन को आधार से जोडऩे की योजना शामिल है। जीएसटी मुआवजा मसले और पीएम केयर फंड में पारदर्शिता के मसले को लेकर चल रहे जोरदार हंगामे के बीच यह विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया।
कराधान व अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में संशोधन व छूट) विधेयक 2020 मार्च में लाए गए कराधान एवं अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में छूट) अध्यादेश 2020 की जगह लेगा। इस विधेयक के माध्यम से वस्तु एवं सेवा कर और आयकर अधिनियम के तहत वैधानिक अनुपालन की समय सीमा कोविड-19 महामारी को देखते हुए बढ़ाई गई है।
इस कानून में मार्च में गठित पीएम-केयर फंड में दिए गए अंशदान पर कर छूट का प्रस्ताव है। विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए कर छूट दावे की तिथि 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है। इसके अलावा संपर्करहित कर आकलन आईटी ऐक्ट के तहत कम से कम 8 प्रक्रियाओं, आकलन, कर संग्रह व वसूली, अपील, पुनरीक्षण, सूचना एकत्र करने आदि में लागू होगा।
इस संशोधन के साथ ट्रांसफर प्राइसिंग आकलन और याटिका व विवास समाधान समिति को संपर्करहित योजना के तहत लाया गया है। संपर्करहित योजना के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘हम कानून के माध्यम से कर पारदर्शिता ला रहे हैं क्योंकि यह देश के लिए बहुत जरूरी है।’
संशोधन से विदेशी निवेशकों को भी राहत मिलेगी क्योंकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लाभांश आय पर लगने वाला अधिभार 15 प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है।
