सभी क्षेत्रों में रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा रेटेड 5,600 से ज्यादा कंपनियां के वी कामत समिति द्वारा प्रस्तावित मानकों के आधार पर एकमुश्त कॉरपोरेट ऋण पुनर्गठन के लिए पात्र होंगी।
हालांकि इस योजना के लिए मानक सभी रेटिंग श्रेणियों में ऋण पुनर्गठन का समर्थन करते हैं, लेकिन एक अध्ययन (8,500 से ज्यादा कंपनियों का) से संकेत मिलता है कि फार्मा, केमिकल, कंज्यूमर ड्यूरेबल/एफएमसीजी जैसे मजबूत क्षेत्रों की कंपनियां इससे ज्यादा लाभान्वित होंगी। इन क्षेत्रों में प्रत्येक चार मेंसे तीन कंपनियां कर्ज पुनर्गठन के लिए योग्य होंगी।
ऑटो डीलरशिप, रत्न एवं आभूषण, होटल, रेस्टोरेंट और पर्यटन, तथा रियल एस्टेट जैसे ‘लेस-रेसिलेंट’ यानी जोखिम सहन करने में कम सक्षम क्षेत्रों में अवसर कुछ कम हो सकते हैं क्योंकि इन्हें महामारी से पहले जैसे स्तरों पर पहुंचने में लंबा समय लग सकता है। इन क्षेत्रों में प्रत्येक तीन में से सिर्फ एक कंपनी ही पुनर्गठन के लिए योग्य हो सकती है। क्रिसिल ने एक बयान में कहा कि ऋण पुनर्गठन बड़ी तादाद में उन कंपनियों के लिए भी उपलब्ध होगी जिन्होंने मोरेटोरियम का विकल्प चुना।
आरबीआई ने कंपनियों के लिए क्षेत्र-केंद्रित पात्र मानक तैयार करने के लिए आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व चेयरमैन के वी कामत की अध्यक्षता वाली समिति का गठन किया था। यह योजना कोविड-19 महामारी की वजह से प्रभावित हुई है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उसने रेटिंग, क्षेत्र और मोरेटोरियम के आधार पर चयन के बाद 8,500 कंपनियों के अपने रेटिंग पोर्टफोलियो का अध्ययन किया है। क्रिसिल की रेटिंग में शामिल करीब दो-तिहाई कंपनियां एकमुश्त ऋण पुनर्गठन में सक्षम होंगी।
क्रिसिल ने एक बयान में कहा कि मोटे तौर पर आकलन वित्तीय अनुमानों पर आधारित है और इसमें एसएमई तथा वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों को शामिल नहीं किया गया है।
क्रिसिल के निदेशक राहुल गुप्ता ने कहा कि हालात में बदलाव आ रहा है। अर्थव्यवस्था में उम्मीद से तेज सुधार आने जैसे घटनाक्रम की स्थिति में पुनर्गठन योजना के लिए पात्र कंपनियों की वास्तविक संख्या में इजाफा हो सकता है।
