अर्थव्यवस्था

Sovereign Gold Bond: सोने की कीमतों में उफान ने बढ़ाया सरकार का सिरदर्द, देनदारी बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये पर पहुंची!

फाइनल और प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को मिला दें तो कुल 16.84 टन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भुनाए जा चुके हैं जबकि 130.11 टन अभी भुनाए जाने शेष हैं।

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अजीत कुमार   
Last Updated- March 27, 2025 | 6:45 PM IST

Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कोई भी सीरीज पिछले साल फरवरी के बाद जारी नहीं की गई है। आगे भी इसके जारी होने की संभावना नहीं है क्योंकि सरकार के लिए यह स्कीम वित्तीय बोझ साबित हो रही है। जिस तरह से सोने की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है सरकार को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।

आरबीआई (RBI) की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2015 और फरवरी 2024 के बीच सरकार की तरफ से कुल 67 किस्तों में 72,274 करोड रुपये मूल्य यानी 146.96 टन (14,69,61,529 ग्राम) के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी किए गए। इनमें से 7 किस्तों को बॉन्ड धारक उनकी मैच्योरिटी पीरियड पूरी होने के बाद भुना चुके हैं। इसके अलावा बॉन्ड धारकों को 30 और किस्तों में 5 साल की होल्डिंग पीरियड के बाद प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन यानी मैच्योरिटी से पहले बेचकर निकलने का भी मौका मिला। फाइनल और प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को मिला दें तो कुल 16.84 टन (1,68,45,759 ग्राम) गोल्ड बॉन्ड भुनाए जा चुके हैं। इस तरह से 130.11 टन (13,01,15,770 ग्राम) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अभी भुनाए जाने शेष हैं।

S No Tranche Issue Date Issue price/unit Number of units subscribed (in grams) Final Redemption Price/Unit Number of units redeemed (including premature redemption)/cancelled (in grams) Units outstanding (in grams)
1 2015-I November 30, 2015 2684 913571 6132 913571 0
2 2016-I February 8, 2016 2600 2869973 6271 2869973 0
3 2016-II March 29, 2016 2916 1119741 6601 1119741 0
4 2016-17 Series I August 5, 2016 3119 2953025 6938 2953025 0
5 2016-17 Series II September 30, 2016 3150 2615800 7517 2615800 0
6 2016-17 Series III November 17, 2016 3007 3598055 7788 3598055 0
7 2016-17 Series IV March 17, 2017 2943 2220885 8624 2220885 0
Total    146961529            16845759 130115770

(Source: RBI)

सोने की मौजूदा कीमतों के हिसाब से देखें तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इन बकाये  यूनिट के भुगतान को लेकर सरकार पर तकरीबन (13,01,15,770 ग्राम X 8,817) 1.15 लाख करोड़ रुपये की देनदारी बनती है। इतना ही नहीं आरबीआई को बॉन्ड धारकों को सालाना 2.5 फीसदी का इंटरेस्ट भी चुकाना पड़ता है। इस तरह से सरकार की देनदारी और भी बढ़ जाती है।

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IBJA के मुताबिक शुक्रवार (21 मार्च 2025) को बेंचमार्क सोना 24 कैरेट (999) 8,817 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर क्लोज हुआ। इस गोल्ड बॉन्ड के इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस को IBJA से मिले रेट के आधार पर ही तय किया जाता है। देश में सोना इस साल अब तक 13,000 रुपये यानी 17 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है। घरेलू स्पॉट मार्केट में गुरुवार (20 मार्च 2025) को सोना 24 कैरेट (999) 88,761 रुपये के रिकॉर्ड हाई पर देखा गया।

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हाल ही में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की सातवीं किस्त मैच्योर हुआ जिसके जरिए यह समझा जा सकता है कि आखिर सरकार के लिए यह बॉन्ड कितना सिरदर्द साबित हो रहा है।

सातवें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फाइनल रिडेम्प्शन पर निवेशकों को मिला 218% रिटर्न

Sovereign Gold Bond 2016-17 Series IV final redemption:  बॉन्ड धारकों ने 17 मार्च को देश के सातवें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी सीरीज (2016-17 Series IV) को अब तक के सबसे ज्यादा रिडेम्प्शन प्राइस पर भुनाया। आरबीआई (RBI) ने इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) का फाइनल रिडेम्पशन प्राइस 8,624 रुपये प्रति यूनिट (1 यूनिट = 1 ग्राम) तय किया। मतलब बॉन्ड धारकों ने 8,624 रुपये प्रति यूनिट के भाव पर सातवें गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी के बाद बेचा। बॉन्ड धारक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 6 किस्तों को पहले ही भुना चुके हैं।

कितना ग्रॉस रिटर्न?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है जिसकी गणना बॉन्ड के इश्यू होने के दिन से शुरू होती है। देश का सातवां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2,943 रुपये के इश्यू प्राइस पर 17 मार्च 2017 को जारी हुआ था। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इस सीरीज के लिए 22,20,885 यूनिट/ग्राम (यानी 2.2 टन सोने की वैल्यू के बराबर) की बिक्री हुई थी।

इस बॉन्ड  का रिडेम्प्शन प्राइस 8,624 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से इस सीरीज को रिडीम करने पर ऑफलाइन  बॉन्ड धारकों को कुल 193 फीसदी जबकि ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को कुल 198 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न मिला। यदि इस बॉन्ड पर मिलने वाले इंटरेस्ट को भी इसमें जोड़ दें तो ऑफलाइन बॉन्ड धारकों के लिए कुल रिटर्न बढ़कर 213 फीसदी जबकि ऑनलाइन बॉन्ड धारकों के लिए 218 फीसदी  तक पहुंच जाता है। निवेशकों को इस सीरीज के लिए प्रति वर्ष 2.5  फीसदी यानी 36.79 रुपये प्रति छह महीने जबकि पूरी मैच्योरिटी की अवधि के दौरान 588.64 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला।

कितना एनुअल रिटर्न?
बगैर इंटरेस्ट जोड़े – ऑनलाइन बॉन्ड  धारकों को  2016-17 की चौथी सीरीज ने 14.63 फीसदी जबकि ऑफलाइन बॉन्ड धारकों को 14.38 फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) दिया। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

यदि इस बॉन्ड पर मिलने वाले इंटरेस्ट को भी इसमें जोड़ दें तो ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पर 15.58 फीसदी फीसदी का एनुअल रिटर्न जबकि ऑफलाइन बॉन्ड धारकों को 15.33 फीसदी का एनुअल रिटर्न मिला।

SGB की सातवीं किस्त (IN0020160126) पर रिटर्न की गणना:

SGB (2016-17 Series IV)/ सातवां गोल्ड बॉन्ड (जिन्होंने इस बॉन्ड को ऑफलाइन खरीदा होगा)

इश्यू प्राइस 1 ग्राम: 2,943 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस: 8,624 रुपये

ग्रॉस (कुल ) रिटर्न: 193%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 14.38%

इंटरेस्ट जोड़कर

इंटरेस्ट: 589 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस + इंटरेस्ट : 9213 रुपये

ग्रॉस (कुल ) रिटर्न: 213%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 15.33%

अब ऐसे बॉन्ड धारकों के लिए रिटर्न की गणना करते हैं जिन्होंने इस बॉन्ड को ऑनलाइन खरीदा होगा :

SGB (2016-17 Series IV)/ सातवां गोल्ड बॉन्ड

इश्यू प्राइस 1 ग्राम (50 रुपये डिस्काउंट के साथ): 2,893 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस: 8,624 रुपये

ग्रॉस (कुल ) रिटर्न: 198%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 14.63%

इंटरेस्ट जोड़कर

इंटरेस्ट: 589 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस + इंटरेस्ट : 9213 रुपये

ग्रॉस (कुल ) रिटर्न: 218%

एनुअल रिटर्न (CAGR): 15.58%

यदि किसी ने सेकेंडरी मार्केट में खरीदा है

यदि सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी की इस सीरीज (NSE पर symbol- SGBMAR25 और BSE पर symbol- SGB2016IV) को डीमैट फॉर्म में खरीदा है और मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि कई लोग यह समझते हैं कि सेकेंडरी मार्केट में खरीदने के बाद यदि वे मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो उन्हें कैपिटल गेन पर होल्डिंग पीरियड के आधार पर टैक्स देना होगा।

First Published : March 21, 2025 | 6:48 PM IST