सेवा क्षेत्र की गतिविधियां फरवरी में बढ़कर एक वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई जबकि उनके निर्यात में कमी बरकरार है। यह जानकारी व्यापक स्तर पर जुटाई जाने वाली आईएचएस मार्किट पर्चेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) सर्वेक्षण से सामने आई है। सेवा क्षेत्र में मजबूती आने के बावजूद कंपनियां लगातार कार्यबल में कटौती कर रही हैं।
इसके साथ ही, मालभाड़ा, ईंधन और खुदरा कीमतों में इजाफे की खबरों के बीच इनपुट लागत महंगाई फरवरी महीने में आठ वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गई।
नए ऑर्डर में वृद्घि होने से पीएमआई 52.8 से बढ़कर फरवरी में 55.3 पर पहुंच गया। इससे पहले फरवरी में पीएमआई 57.5 के उच्च स्तर पर रहा था जिसके एक महीने बाद कोविड-19 के प्रसार को थामने के लिए देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों ने इसे बेहतर होती मांग और अनुकूल होती बाजार परिस्थितियों से जोड़ा है। नए काम मिलने के मामले में लगातार पांचवे महीने विस्तार हुआ है और इसमें पहले से अधिक तेजी आई है। निगरानी में शामिल कंपनियों के मुताबिक विपणन प्रयासों और नए ग्राहकों की संख्या में इजाफा होने से बिक्री में वृद्घि हुई है।
पैनल में शामिल लोग लगातार इंगित कर रहे हैं कि कोविड-19 महामारी और यात्रा प्रतिबंधों ने उनकी सेवाओं के लिए अंतराष्ट्रीय मांग में कटौती की। नए निर्यात आर्डर लगातार 12वें महीने कम रहे हालांकि उसकी रफ्तार पिछले मार्च के मुकाबले धीमी पड़ गई।
रोजगार में लगातार आ रही कमी को लेकर कई कंपनियों का कहना है कि कोविड-19 महामारी ने श्रम आपूर्ति को बाधित किया है। जनवरी में नौकरी की गति में तेजी आई लेकिन कुल मिलाकर यह मध्यम रही।
फरवरी 2013 के बाद से इनपुट लागत की महंगाई दर सबसे अधिक बढ़ी है।
हालांकि प्रतिस्पर्धी दबाव ने कंपनियों को अपने शुल्क में इजाफा करने से रोक दिया। फरवरी में बिक्री कीमतों में व्यापक स्थिरीकरण नजर आया जिसके बाद प्रमुखता वाले दो महीनों में से प्रत्येक में मामूली गिरावट हुई है।
क्षमता दबाव के संकेत के रूप में सेवा कंपनियों ने बकाया कारोबार में और अधिक वृद्घि होने का संकेत दिया।
कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए शुरू टीकाकरण अभियान से वृद्धि की संभावनाओं के प्रति कारोबारी भरोसे में सुधार हुआ है। कारोबारी गतिविधि के लिए 12 महीने के परिदृश्य को लेकर आशावाद का समग्र स्तर मजबूत होकर एक वर्ष के उच्च स्तर पर रहा।
सर्वेक्षण में शामिल पांच श्रेणियों में से परिवहन और भंडारण सेवा क्षेत्र का सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाला खंड रहा था। फरवरी महीने में इस खंड में नए कारोबार और आउटपुट में मजबूत वृद्घि दर्ज की गई है।
सूचना और संचार एकमात्र ऐसा उपक्षेत्र रहा जिसमें फरवरी में बिक्री और कारोबार गतिविधि में संकुचन आया था।
इस श्रेणी की कंपनियों ने धनात्मक वृद्घि के अनुमानों के सामान्य रुझान को भी रोक दिया और आपुटपुट के लिए उदासीन परिदृश्य के संकेत दिए।
फरवरी में विनिर्माण के लिए पीएमआई में जनवरी के मुकाबले मामूली गिरावट आई लेकिन यह 57.5 के उच्च स्तर पर बना रहा। इस दौरान देश के निजी क्षेत्र का उत्पादन पिछले चार महीने में सबसे तेज गति से आगे बढ़ा। कंपोजिट पीएमआई आउटपुट सूचकांक जनवरी के 55.8 से बढ़कर फरवरी में 57.3 पर पहुंच गया। इससे विस्तार की तीव्र रफ्तार का पता चलता है।
आईएचएस मार्किट की सहायक निदेशक (अर्थशास्त्र) पॉलिएना डी लीमा ने कहा, ‘आर्थिक गतिविधि के आम तौर पर तीसरी तिमाही में तकनीकी मंदी से बाहर आने के बाद वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में ठीक होने की उम्मीद है। पीएमआई संकेतक में नवीनतम सुधार चौथी तिमाही में मजबूत विस्तार की ओर इशारा करता है।’
चालू वित्त वर्ष की लगातार दो तिमाहियों में देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आने के बाद तीसरी तिमाही में 0.4 फीसदी की वृद्घि हुई। हालांकि जीडीपी के आंकड़ों से पता चलता है कि चौथी तिमाही में एक बार फिर से गिरावट आ सकती है जो 0.1 फीसदी रह सकती है।
