भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धन प्रेषण योजना के तहत विदेशों में धन भेजना अप्रैल 2025 में बीते साल की तुलना में 8.6 प्रतिशत बढ़ा। यह वृद्धि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में मजबूत वृद्धि के कारण हुई।
एलआरएस योजना की शुरुआत 2004 में हुई थी। यह योजना सभी निवासियों को चालू या पूंजी खाते या दोनों खातों से 2,50,000 डॉलर तक निशुल्क धन भेजने की अनुमति देती है। यह योजना शुरुआत में 25,000 डॉलर से शुरू की गई थी लेकिन फिर इसमें धीरे धीरे संशोधन किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार अप्रैल 2025 में इस योजना के तहत प्रेषण 2.5 अरब डॉलर रहा, जो अप्रैल 2024 में 2.28 अरब डॉलर से 8.6 प्रतिशत अधिक है।
इस महीने में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए धन प्रेषण सालाना आधार पर 11.02 प्रतिशत बढ़कर 1.30 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 1.14 अरब डॉलर था। करीबी रिश्तेदारों की देखरेख के लिए धन प्रेषण सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत बढ़कर 3,979.7 लाख हो गया, जो अप्रैल 2024 में 3,916.9 लाख डॉलर था।
वहीं, इक्विटी/ऋण में निवेश के लिए प्रेषण सालाना आधार पर 105.6 प्रतिशत बढ़कर 2,03.44 करोड़ डॉलर हो गया और जमा सालाना आधार पर 29.56 प्रतिशत बढ़कर 941.5 अरब डॉलर हो गया। अचल संपत्ति की खरीद के लिए प्रेषण सालाना आधार 92.71 प्रतिशत बढ़कर 446.9 लाख डॉलर हो गया, जो पहले 231.9 लाख डॉलर था।