अर्थव्यवस्था

Retail Inflation: खुदरा महंगाई दर को 4 प्रतिशत पर लाना RBI गवर्नर के लिए होगी बड़ी उपलब्धि

गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में रिजर्व बैंक ने पिछले साल प्रायोगिक तौर पर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी शुरू की, जिसका महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य 10 लाख लेन देन रोजाना है।

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मनोजित साहा   
Last Updated- December 14, 2023 | 10:43 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को कई उपलब्धियों का श्रेय दिया जाता है। कोविड 19 की महामारी और उसके बाद यूरोप में युद्ध के बाद वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से उत्पन्न चुनौतियों का देश ने सफलतापूर्वक सामना किया। वहीं बढ़ी महंगाई लगातार परेशान करती रही है।

दास के 5 साल के कार्यकाल में बैंकिंग क्षेत्र मजबूत हुआ। बैंकों के मुनाफे में सुधार के साथ उनकी पूंजी की स्थिति बेहतर हुई। कारोबार में मजबूत वृद्धि जारी है। साथ ही भारत की भुगतान व्यवस्था बेहतर हुई और नवंबर में यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस मूल्य के हिसाब से 17.4 लाख करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।

दास के नेतृत्व में रिजर्व बैंक ने पिछले साल प्रायोगिक तौर पर सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी शुरू की, जिसका महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य 10 लाख लेन देन रोजाना है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद रुपया प्रभावित हुआ, जो 2023 में उल्लेखनीय रूप से स्थिर रहा। दरअसल भारतीय मुद्रा 2023 में पिछले 2 दशक की तुलना में सबसे ज्यादा स्थिर रही।

यहां तक कि यह चीन की घरेलू मुद्रा युआन की तुलना में भी ज्यादा स्थिर रही। मुद्रा बाजार में रिजर्व बैंक के समय से हस्तक्षेप के कारण इस तरह की स्थिरता हासिल करने में मदद मिली। वहीं रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के आसपास बनाए रखने में भी सफल रहा।

दास ने दिसंबर 2018 में कार्यभार संभाला और वह पिछले 7 दशक में सबसे लंबे समय तक काम करने वाले गवर्नर बन सकते हैं। उनका मौजूदा कार्यकाल अगले साल दिसंबर में पूरा होगा। सिर्फ महंगाई ही केंद्रीय बैंक को परेशान करने में सफल रही है।

नियम के मुताबिक केंद्रीय बैंक को प्रमुख खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत पर बरकरार रखनी है, जिसमें 2 प्रतिशत घटबढ़ हो सकती है। दरअसल रिजर्व बैंक 2022 में महंगाई दर 2 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की सीमा के भीतर लगातार 3 तिमाही तक रखने में विफल रहा है।

केंद्रीय बैंक ने नीतिगत रीपो दर में मई से बढ़ोतरी शुरू की, जिससे महंगाई का दबाव कम किया जा सके। मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच रीपो रेट 250 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया और उसके बाद से रीपो रेट स्थिर है।

दास ने महंगाई से नजर हटाने से इनकार कर दिया और उनके शब्दों में अर्जुन की तरह मछली की आंख यानी लक्ष्य पर नजर बनी हुई है जो 4 प्रतिशत है।

दिसंबर की मौद्रिक नीति की समीक्षा में दास ने कहा, ‘खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य अभी हासिल किया जाना है। हम इस पर स्थिर हैं।’

2023-24 के अक्टूबर से दिसंबर और जनवरी से मार्च और साथ ही 2024-25 की अप्रैल-जून तिमाही में महंगाई दर 5 प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है और अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ही महंगाई दर 4 प्रतिशत पर आ सकती है।

केंद्रीय बैंक प्रमुख महंगाई दर नवंबर में 4.2 प्रतिशत पर लाने में सफल रहा, जो अक्टूबर 2023 में 4.4 प्रतिशत थी। यह महामारी के बाद महंगाई का सबसे निचला स्तर है।

इक्रा लिमिटेड में रिसर्च ऐंड आउटरीच की प्रमुख और मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘नवंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर 5.5 प्रतिशत पर आई है, जो अक्टूबर 2023 में 4.9 प्रतिशत थी। यह वृद्धि पूरी तरह से खाद्य व बेवरिज सेग्मेंट से संचालित है। अन्य सभी सेग्मेंट में या तो नवंबर 2023 में स्थिरता रही है या उसमें कमी आई है।’ आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि सीपीआई महंगाई दर वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में और उसके बाद 4 प्रतिशत के लक्ष्य पर आ जाएगी।’

First Published : December 14, 2023 | 10:43 PM IST