अर्थव्यवस्था

RBI MPC Meet: कर्ज हुआ सस्ता, Repo Rate 25 bps घटाकर 6.25% किया; ‘न्यूट्रल’ रुख बरकरार

रीपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं।

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अंशु   
Last Updated- February 07, 2025 | 10:54 AM IST

RBI MPC MEET: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को नीतिगत दर रीपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का ऐलान किया। करीब पांच वर्षों के बाद केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया है। इससे पहले मई, 2020 में कोविड-19 महामारी के समय रीपो रेट को 0.40 प्रतिशत घटाकर चार प्रतिशत किया गया था। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था। रीपो रेट दो साल से 6.50 प्रतिशत पर स्थिर बनी हुई है।सुस्त होती इकनॉमिक ग्रोथ और शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच यह बैठक बहुत अहम है। शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का कार्यकाल समाप्त होने के बाद दिसंबर 2024 में संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने गवर्नर का पद संभाला। यह MPC की पहली बैठक है, जिसमें वह गवर्नर के तौर पर शामिल हुए हैं।

GDP की ग्रोथ रेट 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान

RBI के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है पर वैश्विक चुनौतियों से अछूती नहीं है। केंद्रीय बैंक ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत पर रहने के अनुमान को बरकरार रखा है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है। इसके साथ, MPC ने अपने रुख को ‘न्यूट्रल’ बनाये रखने का निर्णय किया है।

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क्या होती है रीपो रेट (What is repo rate)

रीपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई महंगाई को काबू में रखने के लिये इस दर का उपयोग करता है। रीपो रेट में कटौती का मतलब है कि मकान, व्हीकल समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में कटौती होना तय माना जा रहा है।

First Published : February 7, 2025 | 10:24 AM IST