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Home Loan ग्राहकों के लिए खुशखबरी! रीपो रेट घटने के बाद कितनी घटेगी EMI? 20 साल के लिए ₹30 लाख लोन पर देखें कैलकुलेशन

उम्मीद के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने करीब पांच वर्षों में पहली बार रीपो रेट (Repo Rate) में 0.25 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया।

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अंशु   
Last Updated- February 07, 2025 | 10:30 AM IST

Home Loan EMI Calculation: आम बजट पेश होने के बाद सबकी नजरें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक पर टिकी थी। उम्मीद के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने करीब पांच वर्षों में पहली बार रीपो रेट (Repo Rate) में 0.25 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया।  रीपो रेट घटने से होम लोन (Home Loan), कार लोन (Car Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) की ईएमआई (EMI) कम होना तय माना जा रहा है। आइए Home Loan EMI Calculator से जानते हैं कि अगर आपने 20 साल के लिए 30 लाख रुपये का लोन लिया है, तो आपकी ब्याज दरें घटने के बाद आपके लोन की EMI कितनी कम हो जाएगी।

EMI का समझें कैलकुलेशन

मौजूदा EMI

लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
लोन टेन्योर: 20 साल
ब्याज दर: 8.50% सालाना
EMI: 26,035 रुपये
कुल टेन्योर में ब्याज: 3,248,327 रुपये
कुल पेमेंट: 6,248,327 रुपये

दरें घटने के बाद संभावित EMI

लोन अमाउंट: 30 लाख रुपये
लोन टेन्योर: 20 साल
ब्याज दर: 8.25 % सालाना (0.25 फीसदी घटने के बाद रेट)
EMI: 25,562 रुपये
कुल टेन्योर में ब्याज: 3,134,873 रुपये
कुल पेमेंट: 6,134,873 रुपये

(नोट: यह कैलकुलेशन SBI होम लोन EMI कैलकुलेटर पर आधारित है।)

EMI, ब्याज में कितना फायदा?

होम लोन EMI कैलकुलेशन से साफ है कि ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कटौती होने से आपकी EMI में 473 रुपये कम हो जाएगी। वहीं, अब अगर आपके होम लोन की ब्याज दरें अगले 20 साल तक स्थिर रहती हैं, तो आपको पूरे टेन्योर में अब 113,454 रुपये कम ब्याज चुकाना होगा।

सुस्त होती इकनॉमिक ग्रोथ और शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बीच यह बैठक बहुत अहम है। शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) का कार्यकाल समाप्त होने के बाद दिसंबर 2024 में संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने गवर्नर का पद संभाला। यह MPC की पहली बैठक है, जिसमें वह गवर्नर के तौर पर शामिल हुए हैं।

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एक्‍सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड है नए होम लोन

RBI के नियमों के मुताबिक, अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) और रीपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) से जुड़े होते हैं। 2019 में केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रीपो रेट में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे थे।

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने बैंकों को सभी प्रकार के रिटेल और पर्सनल लोन को भी किसी एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करने का निर्देश दिया था। इसके लिए बैंकों को RBI के रीपो रेट, 3 या 6 महीने के सरकारी ट्रेजरी बिल के रेट, या फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) द्वारा पब्लिश किए गए किसी अन्य बेंचमार्क मार्केट इंटरेस्ट रेट का विकल्प दिया गया था। पुराने लोन लेने वालों को अपना लोन बेंचमार्क लिंक्ड रेट पर ट्रांसफर कराने या पुरानी व्यवस्था में बने रहने का विकल्प दिया गया है।

First Published : February 7, 2025 | 10:14 AM IST