जीएसटी व्यवस्था में दरें सबसे प्रमुख मुद्दा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:12 PM IST

बीएस बातचीत

जीएसटी क्षतिपूर्ति अवधि को जून 2022 से आगे बढ़ाने पर अंतिम निर्णय को लेकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कहा कि यदि राजस्व उस स्तर तक पहुंच जाए जहां क्षतिपूर्ति का शायद कोई मुद्दा नहीं रहे तब न केवल जीएसटी दर ढांचा बल्कि छूटों की समीक्षा करने की जरूरत पड़ेगी। असित रंजन मिश्र और अरूप रायचौधरी के साथ बातचीत के प्रमुख अंश..
वित्त मंत्री ने बजट में उल्लेख किया कि जीएसटी में बहुत सारी चुनौतियां बनी हुई हैं। यह केवल दर का मामला या है फिर वह अन्य मुद्दों की ओर संकेत कर रहीं थी?
सबसे प्रमुख दर का मुद्दा है जिस पर मंत्री समूह पहले से ही कार्य कर रहा है। यह मुद्दा राज्यों को क्षतिपूर्ति मुहैया कराने की चुनौती से जुड़ा है। आपको पता है कि इसका समाधान जून में होने जा रहा है। ऐसे में मेरे विचार से वित्त मंत्री के दिमाग में राज्यों और केंद्र दोनों के लिए एकसाथ मिलकर पर्याप्त संसाधन जुटाने की चुनौती का समाधान की चिंता रही होगी। यह जीएसटी के साथ जुड़ी एक बहुत बड़ी चुनौती है। निस्संदेह इसके बाद प्रवर्तन और सुविधा मुहैया कराने के बीच उपयुक्त तालमेल बिठाने की चुनौती है।

क्या जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को जून से आगे बढ़ाने पर कोई विचार हो रहा है?
स्पष्ट तौर पर कहूं तो इस संबंध में अब तक बहुत अधिक चर्चा नहीं हुई है। जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में जून 2022 के बाद उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई जिसमें इस बात ध्यान दिया गया कि ऋणों का भुगतान किया जाना है और ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए क्षतिपूर्ति उपकर राजस्व का किस प्रकार से इस्तेमाल किया जाएगा। राजस्व को बढ़ाने के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की गई थी। लेकिन क्षतिपूर्ति की अवधि को आगे बढ़ाने पर वास्तव में बहुत अधिक चर्चा नहीं हुई।

वास्तव में समस्या क्या है?
पहले ही तय हो चुका है कि दो वर्ष के लिए उपकर राजस्व का इस्तेमाल ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा और उपकर को उस अवधि तक पहले ही बढ़ाया जा चुका है। यदि आप इसे उस अवधि से आगे तक बढ़ाना चाहते हैं तो इस पर निर्णय परिषद को करना है। निस्संदेह संविधान और कानूनी प्रावधान भी केवल पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति मुहैया कराते हैं। मेरे विचार से जितना अधिक आप इसे टालते हैं और जितना अधिक आप क्षतिपूर्ति की अवधि को आगे बढ़ाते हैं उतना ही अधिक दर युक्तिकरण और अन्य चीजें पीछे छूटती जाएंगी।

ऐसा कैसे है?
ऐसा इसलिए है कि आपके पास क्षतिपूर्ति की रकम उपलब्ध होनी चाहिए। ऐसे में क्या आपको दर को युक्तिसंगत बनाने, छूटों को समाप्त करने, उत्क्रमण को समाप्त करने की जरूरत है या नहीं जैसी चर्चा को उच्च प्राथमिकता नहीं मिल पाती है। ऐसा इसलिए है कि क्षतिपूर्ति की घोषणा जितने समय के लिए की गई थी वह अवधि पूरी होने वाली है ऐसे में आपको पता है कि इस मुद्दे पर चर्चा कर इसका समाधान
करना होगा।

लेकिन यदि दर को युक्तिसंगत किया गया तो क्या इसका मतलब है कि आपके राजस्वों में इजाफा होगा और राज्यों को अधिक राजस्व मिलेगा?
यह एक तरीका हो सकता है। 

First Published : February 17, 2022 | 11:16 PM IST