केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसई) की कुल खरीद में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी-एसटी) के सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 20 के 0.49 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 21 में 0.46 प्रतिशत रह गई है। वहीं इनसे खरीद का अनिवार्य लक्ष्य 4 प्रतिशत है। हाल के सार्वजनिक उपक्रमों के सर्वे में यह सामने आया है।
केंद्र सरकार के सार्वजिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) ने वित्त वर्ष 21 में 1.7 लाख करोड़ रुपये की खरीद की है। पेट्रोलियम (रिफाइनरी और मार्केटिंग), भारी और मझोले इंजीनियरिंग, बिजली उत्पादन क्षेत्रों में काम कर रहे सार्वजनिक उद्यम बड़े खरीदार हैं, जो एससी और एसटी द्वारा संचालित एमएसई से कुल खरीद का 83 प्रतिशत माल खरीदते हैं। दूसरे क्षेत्र में काम करने वाले सार्वजनिक उद्यम लक्ष्य पूरा नहीं कर सके हैं।
सर्वे के मुताबिक महिलाओं द्वारा संचालित एमएसई से सीपीएसई द्वारा खरीदारी वित्त वर्ष 20 के 0.26 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 21 में 3.9 प्रतिशत हो गई है। सेक्टरवार देखें तो सिर्फ कृषि आधारित उद्योगों और वित्तीय सेवा उद्योगों ने एमएसई से 3 प्रतिशत खरीद का अनिवार्य लक्ष्य हासिल किया है।
सरकार की सार्वजनिक खरीद नीति के मुताबिक एमएसई से न्यूनतम 25 प्रतिशत सालाना खरीद अनिवार्य किया गया है। साथ ही महिलाओं द्वारा संचालित एमएसई से कुल खरीद का न्यूनतम 3 प्रतिशत खरीदना अनिवार्य है। इसके अलावा एससी-एसटी द्वारा संचालित उद्यमों से 4 प्रतिशत खरीद की अनिवार्यता है।
फेडरेशन आफ इंडियन माइक्रो, स्माल ऐंड मीडियम इंटरप्राइजेज (फिस्मे) के महासचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि एससी-एसटी और महिलाओं दोनों के उद्यमों से खरीद की स्थिति देखें तो लक्ष्य की तुलना में असल में खरीद बहुत मामूली है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह है कि उनकी संख्या कम है और उन क्षेत्रों में खरीद की संभावना कम होती है। पीएसयू सक्रिय होकर नए वेंडर बनाने में असफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘इन पीएसयू का सीएसआर कोष महिला और एससी-एसटी उद्यमियों की क्षमता बढ़ाने में लगाया जाना चाहिए। इन पीएसयू के शीर्ष प्रबंधन को इस नीति का महत्त्व समझने की जरूरत है, जिससे विभिन्न स्तर पर संगठन में बैठे लोग इस नीति के प्रति संवेदनशील हो सकें।’सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) की क्षमता बढ़ाने और सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में हिस्सेदारी के लिए वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम (वीडीपी) शुरू किया गया है।
एमएसएमई संबंध पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में 154 सीपीएसई ने अपने आंकड़े वेबसाइट पर डाले हैं। एससी-एसटी उद्यमियों से इनकी खरीद 0.76 प्रतिशत और महिला उद्यमियों से खरीद 0.97 प्रतिशत रही है। केवल 11 पीएसयू ने एससी-एसटी द्वारा संचालित एमएसई से अनिवार्य खरीद का लक्ष्य हासिल किया है, जिनमें मेटल ऐंड मिनरल ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन आफ इंडिया, एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और चेन्नई पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड शामिल हैं।
