आयकर विभाग के पदानुक्रम में बदलाव का प्रस्ताव

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:52 AM IST

केंद्र के राजस्व विभाग ने स्वीकार किया है कि मानव  हस्तक्षेप के बगैर (फेसलेस) कर आकलन की महत्त्वाकांक्षी योजना सुगमता से नहीं चल पा रही है। विभाग ने इसकी खामियां दूर करने के लिए आयकर विभाग के पदानुक्रम ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव किया है। राष्टï्रीय फेसलेस आकलन केंद्र ने गुरुवार को कर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर फेसलेस व्यवस्था का ढांचा पुनर्गठित करने की इच्छा जताई है। इसके तहत आयकर आयुक्त और उससे ऊपर के अधिकारियों की भूमिका को एक साथ मिलाने का प्रस्ताव है।
12 अगस्त को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘अब तक मिली प्रतिक्रिया और अनुभव से संकेत मिलता है कि फेसलेस आकलन और पूर्ववर्ती क्षेत्रीय अधिकार ढांचे के कारण कार्यभार का वितरण असमान हो गया है और फेसलेस पदानुक्रम तथा अधिकारियों के पदानुक्रम के बीच समुचित तालमेल नहीं है।’

बिजनेस स्टैंडर्ड ने यह पत्र देखा है। पत्र में आगे कहा गया है कि फेसलेस विभाग में रिपोर्टिंग के मौजूदा ढांचे की वजह से कभी ऐसी स्थिति भी आई है, जब किसी क्षेत्र में बहाल अधिकारी को अपने क्षेत्र से बाहर के अधिकारी को रिपोर्ट करना पड़ता है। फेसलेस केंद्र का गठन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने किया है। यह नोडल प्राधिकरण है और मानव हस्तक्षेप के बगैर आकलन के लिए इंटरफेस का काम करता है।
अगर यह प्रस्ताव प्रभावी होता है तो फेसलेस अधिकारियों और क्षेत्र के अधिकारियों के लिए पूरी तरह अलग व्यवस्था की जगह आयकर आयुक्त और उससे ऊपर के पदों को एकीकृत किया जाएगा और प्रधान आयकर आयुक्त इन दोनों की पर्यवेक्षण करेंगे। प्रस्तावित व्यवस्था से प्रधान आयुक्त स्तर के अधिकार क्षेत्र में काम का दायरा काफी बढ़ जाएगा। 

विभाग के सूत्रों ने कहा कि फेसलेस व्यवस्था शुरू होने से पहले बजट आवंटन, वसूली, करदाताओं की सेवाएं आदि सभी इसके अधिकार क्षेत्र में आते थे। लेकिन फेसलेस आकलन व्यवस्था के बाद इनका काम आकलन आदेश के बाद कर वसूली भर रह गया था।
यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब कई करदाताओं ने इस योजना के खिलाफ विभिन्न अदालतों में रिट याचिका दायर की है। हाल ही में कर विभाग ने फेसलेस आकलन योजना के खिलाफ दायर रिट याचिका और फेसलेस अपील के मामलों को देखने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। मानक संचालन प्रक्रिया में जोर दिया गया है कि जब तक फेसलेस योजना को ही चुनौती नहीं दी जाती अथवा व्यापक नीतिगत मसला नहीं होता तब तक रिट याचिका से बचाव करने का काम राष्टï्रीय फेसलेस आकलन केंद्र का नहीं है। ऐसे में रिट याचिका का जवाब देने के लिए फेसलेस केंद्र आयुक्त स्तर के अधिकारी को अधिकृत कर सकता है।

इस बीच वित्त मंत्रालय ने फेसलेस आकलन व्यवस्था का समयबद्घ आंतरिक सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसका मकसद कर विभाग एवं करदाताओं पर इसकी प्रभाविता और असर का मूल्यांकन करना है। सर्वेक्षण के तहत योजना के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। इनमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी शामिल हैं, जो करदाताओं के विवाद की जड़ है। सर्वेक्षण की अंतिम रिपोर्ट इस महीने के अंत तक आ सकती है। सूत्रों ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे अहम होंगे क्योंकि इसमें इसके प्रभाव को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही इस योजना की कुछ खामियों को दूर करने के सुझााव भी दिए जा सकते हैं।

First Published : August 14, 2021 | 12:39 AM IST