प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर 21-22 दिसंबर 2024 को कुवैत का दौरा करेंगे। यह 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा होगी। पीएम मोदी के पहले 1981 में देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। इनके अलावा 1965 में तत्कालीन उप-राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और साल 2009 में तत्कालीन उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी कुवैत की state visit पर गए थे।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री कुवैत के नेतृत्व अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के साथ चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री कुवैत में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे। कुवैत के 1961 में अंग्रेजी साम्राज्य से आजादी के बाद भारत पहले उन देशों में था जिसने कुवैत से राजनायिक संबंध (Diplomatic relations) स्थापित किए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस कुवैत यात्रा पर जारी बयान पर विदेश मंत्रालय ने जारी वक्तव्य में कहा कि भारत और कुवैत के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो इतिहास में निहित हैं और आर्थिक और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित हैं। भारत कुवैत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।
बता दें कि खाड़ी देश कुवैत में करीब 10 लाख भारतीय रहते हैं, जो मुख्यत: श्रमिक समुदाय में आते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में डॉक्टर्स, नर्स, आईटी प्रोफेशनल्स, चॉर्टेड एकाउंटेंट, टेक्नीशियन, ऑर्किटेक्स भी कुवैत में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कुवैत में बड़ी संख्या भारतीय रिटेलर्स की है, जो कुवैत के रिटेल बाजार में प्रभावी तौर पर कारोबार कर रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार 200 से ज्यादा भारतीय एसोसिएशन कुवैत में रजिस्टर्ड हैं।
भारत-कुवैत के बीच द्विपक्षीय व्यापार के कई अहम पहलू हैं। भारत सदैव से कुवैत का एक प्रमुख व्यापारिक साथी रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में ही भारत-कुवैत का द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा याने 90 हजार करोड़ रुपये के पास है। भारत कुवैत को विमानों के उपकरण, अनाज, ऑर्गेनिक कैमिकल्स, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी सहित बहुत से उत्पादों का निर्यात करता है। वहीं दूसरी ओर कुवैत भारत का Sixth कच्चे तेल का सप्लॉयर है, जो भारत की कुल energy needs का करीब तीन फीसदी पूरा करता है।
भारत सरकार की कई बीमा कंपनियों के कुवैत में दफ्तर हैं, वहीं निजी कंपनियों में एयर इंडिया, एल एंड टी, शापूरजी- पलोनजी, कल्पतरु पावर, केईसी, टेरी, विप्रो, टाटा, अशोक लैलेंड सहित बहुत-सी कंपनियां कुवैत में कारोबार कर रहीं हैं, और उनके कुवैती कंपनियों के साथ व्यापारिक समझौतें हैं।
बता दें कि कुवैत इन्वेटमेंट अथॉरिटी (Kuwait Investment Authority (KIA)) ने भारत में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। कुवैत इन्वेटमेंट अथॉरिटी एक वैल्थ फंड है, जिसकी कुल परिसंपत्तियां 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा है।