भारत को अभी 5जी तकनीक का आनंद मिलने में थोड़ा और वक्त लगेगा। इसके लिए एयरवेव्स की नीलामी 2023 के पहले होने की संभावना नहीं है। दूरसंचार विभाग के आंतरिक विमर्शों के मुताबिक वित्त वर्ष 23 की अंतिम तिमाही में 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी होने की संभावना है। हालांकि संचार मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा था कि एयरवेव्स की नीलामी चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही तक हो सकती है।
एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘स्पेक्ट्रम नीलामी के नए कैलेंडर के मुताबिक हम जनवरी-मार्च 2023 के आसपास 5जी के टेंडर का लक्ष्य बना रहे हैं।’ सामान्यतया आंतरिक परामर्श के बाद दूरसंचार विभाग भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पास अपना प्रस्ताव भेजता है और नियामक से इस मसले पर राय लेता है। इसके बार विभिन्न साझेदारों से परामर्श कर नियामक अपनी सिफारिशें डीओटी को भेजता है।
यह सिफारिशें स्पेक्ट्रम के मूल्य से लेकर पेश की जाने वाली स्पेक्ट्रमकी मात्रा तक के सिलसिले में होती हैं। उसके बाद सुझावों पर डिजिटल संचार आयोग विचार करता है, जो दूरसंचार क्षेत्र का शीर्ष निर्णय निकाय है। केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद दूरसंचार विभाग आवेदन आमंत्रित करने के लिए नोटिस जारी करता है। अधिकारी ने कहा, ‘यह लंबी प्रक्रिया है और दो महीनों में पूरी नहीं हो सकती है। साथ ही 5जी परीक्षण अभी चल रहा है और हम इस परीक्षण का मूल्यांकन करेंगे। प्रक्रिया पूरी किए जाने के बाद ही नीलामी होगी।’
5जी नीलामी में 3,300 मेगाहट्र्ज और 3,600 मेगाहट्र्ज बैंड के साथ मिलीमीटर वेव्स शामिल हैं। 5जी स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य करीब 3.63 लाख करोड़ रुपये होगा। डीओटी को मिलीमीटर वेव्स या 2600-2800 मेगाहट्र्ज बैंड के मूल्य खोज पर विचार करने को कहा जाएगा। इन एयरवेव्स को उच्च लेटेंसी के लिए बेहतर माना जाता है।
मार्च में हुई पिछले दौर की नीलामी में रिलायंस जियो ने पेशकश किए गए कुल स्पेक्ट्रम में से 50 प्रतिशत से ज्यादा एयरवेव्स ले ली थी। कंपनी ने कुल 57,122.65 करोड़ रुपये भुगतान किया और इस राशि का 60 प्रतिशत 800 मेगाहट्र्ज बैंड पर खर्च किया गया। सरकार की ओर से पेश किए गए पूरे स्पेक्ट्रम की बिक्री आधार मूल्य पर हुई थी।
भारती एयरटेल ने भी 18, 698.75 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम लिया था और इसमें से ज्यादातर धन 2,300 मेगाहट्र्ज बैंड खरीदने पर खर्च किया गया। नीलामी में वोडाफोन आइडिया ने 574 करोड़ रुपये खर्च किए। कुल उपलब्ध 2,308 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम में 855.60 मेगाहट्र्ज की बिक्री नीलामी में की गई। मात्रा के हिसाब से 37 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 19 प्रतिशत स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई। 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम में से करीब 65 प्रतिशत की पेशकश की गई और 2,300 मेगाहट्र्ज बैंड में 89 प्रतिशत एयरवेव्स की पेशकश की गई। 2,500 मेगाहट्र्ज और 700 मेगाहट्र्ज के प्रीमियम स्पेक्ट्रम की बिक्री नहीं हो पाई।