केंद्र के 54 सार्वजनिक उद्यमों और 5 विभागों ने वित्त वर्ष के शुरुआती 4 महीनों में अपने लक्ष्य का 35 प्रतिशत खर्च किया है। इन सार्वजनिक उद्यमों व विभागों को साल में 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा पूंजीगत व्यय का लक्ष्य दिया गया है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और रेलवे पूंजीगत व्यय का 60 प्रतिशत खर्च करने के लक्ष्य की राह में हैं। केंद्र इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अंत तक बड़ी सीपीएसई द्वारा लक्ष्य का 90 प्रतिशत खर्च करने पर जोर दे रहा है।’
सीपीएसई के इस समूह का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) इस वित्त वर्ष के पहले 4 महीनों में 2.56 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 23 की समान अवधि में हुए 1.85 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय से करीब 39 प्रतिशत ज्यादा है। वित्त वर्ष 24 में केंद्र सरकार ने पूंजीगत व्यय का लक्ष्य वित्त वर्ष 23 के संशोधित लक्ष्य 6.46 लाख करोड़ रुपये से 13.4 प्रतिशत बढ़ा दिया है।
वित्त वर्ष23 के दौरान सीपीएसई और विभागीय इकाइयों ने पूरे साल के 6.46 लाख करोड़ रुपये लक्ष्य का 100.5 प्रतिशत हासिल कर लिया था।
वित्त वर्ष 24 के पहले 4 महीने में एनएचएआई ने करीब 63,280 करोड़ (39 प्रतिशत) खर्च किया है, जिसका साल का लक्ष्य 1.62 लाख करोड़ रुपये है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसीएल) ने पाइपलाइन परियोजना शुरू करके और रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाकर अपने पूंजीगत व्यय के लक्ष्य का 40 प्रतिशत हासिल किया है।
डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन आफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) और कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को छोड़कर रेलवे बोर्ड ने अपने 2.44 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लक्ष्य का 40 प्रतिशत यानी 96,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
अधिकारी ने आगे कहा कि पूंजीगत व्यय का लक्ष्य इन सीपीएसई द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि इससे सरकार को अपने प्रदर्शन के मूल्यांकन और प्रदर्शन से जुड़े भुगतान पर फैसला लेने में मदद मिलेगी।
भारत के सबसे बड़े कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादक ओएनजीसी ने पहले 4 महीने में करीब 10,250 करोड़ रुपयये खर्च किए हैं, जिसका सालाना पूंजीगत व्यय लक्ष्य 30,125 करोड़ रुपये है।
एनटीपीसी ने अपने सालाना 22,454 करोड़ रुपये सालाना व्यय के लक्ष्य का 20 प्रतिशत हासिल किया है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) ने अपने सालाना व्यय के लक्ष्य का 42 प्रतिशत यानी करीब 4,288 करोड़ रुपये खर्च किया है।
बीएसएनएल ने अपने 53,000 करोड़ रुपये व्यय लक्ष्य का करीब 51 प्रतिशत खर्च किया है।
ईंधन का खुदरा कारोबार करने वाली आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल का सालाना पूंजीगत लक्ष्य वित्त वर्ष 23 के 30,293 करोड़ रुपये से करीब 67 प्रतिशत बढ़ाकर 50,605 करोड़ रुपये कर दिया है।
इन सीपीएसई के पूंजीगत व्यय की मासिक रिपोर्ट हर महीने प्रधानमंत्री कार्यालय में समीक्षा के लिए भेजी जाती है।