खनन मंत्रालय ने 5 अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को और गहरे खनिज परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति दे दी है। केंद्र सरकार ने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि इन खनिजों की नीलामी की प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति एनपीईए को होगी।
खनन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसियों (एनपीईए) को अहम और गहरे खनिजों की खोज के लिए परियोजनाओं को सीधे मंजूरी देने के लिए एक नई योजना भी शुरू की गई है। यह नई योजना अन्वेषण के क्षेत्र में नई तकनीक लाने में मदद करेगी।
एनपीईए को सीधे खनन मंत्रालय में परियोजनाएं पेश करने की मंजूरी देने से परियोजनाओं की मंजूरी में होने वाली देरी को कम करने और परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन में मदद मिलेगी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक इस कदम का उद्देश्य अहम और गहराई में मौजूद खनिजों की खोज को बढ़ावा देना है।
कुल 17 परियोजनाओं में 11 अहम खनिज परियोजनाएं शामिल हैं, जो इन 5 एनपीईए को मुहैया कराई गई है। खनिज परियोजनाएं 6 राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, गुजरात और कर्नाटक में स्थित हैं।
एक एनपीईए जेमकोकाटी एक्सप्लोरेशन महाराष्ट्र में स्थित है, जिसने कुल 6 परियोजनाएं अधिग्रहीत की हैं। कोलकाता की माहेश्वरी माइनिंग को 4 परियोजनाएं मिली हैं। जियोवेल सर्विसेज और जियोएक्सप्लोर को 3-3 परियोजनाएं मिली हैं। वहीं यूनाइटेड एक्सप्लोरेशन को एक परियोजना मिली है।
अन्वेषण ब्लाकों में कई तरह के खनिज शामिल हैं, जिनमें लौह अयस्क, ग्रेफाइट, प्लैटिनम ग्रुप एलीमेंट, सोना, बॉक्साइट, निकल, कोबाल्ट और रेयर अर्थ मैटेरियल शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि एनएमईटी फंड से कुल 15.88 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। एनएमईटी के माध्यम से सरकार मंजूर परियोजना की परियोजना लागत का 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि मुहैया कराती है।
मार्च 2022 से खनन मंत्रालय ने अन्वेषण परियोजनाएं लेने के लिए16 निजी अन्वेषण एजेंसियों को अधिसूचित किया है।