अर्थव्यवस्था

‘मेड इन इंडिया’ अपनाएं, स्वदेशी बेचें-खरीदें …पीएम मोदी ने देशवासियों को लिखा खुला पत्र

PM ने राज्य सरकारों से उद्योग, विनिर्माण और निवेश परिदृश्य में सुधारों को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगली पीढ़ी के GST सुधार बचत को बढ़ावा देंगे।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- September 23, 2025 | 8:52 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम देश के नागरिकों को खुला खत लिख कर उनसे स्वदेशी उत्पाद खरीदने और बेचने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इससे कई परिवारों को अपनी आजीविका कमाने और युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए इस पत्र में उन्होंने दोहराया कि आयकर में कटौती और अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लोगों के लिए लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत करेंगे। त्योहारी माहौल में देशवासी उत्साह के साथ जीएसटी बचत उत्सव भी मनाएं।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से उद्योग, विनिर्माण और निवेश परिदृश्य में सुधारों को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार बचत को बढ़ावा देंगे। इससे प्रत्यक्ष रूप से समाज का हर वर्ग लाभान्वित होगा। साथ ही विकास और निवेश का माहौल बनेगा, जिससे हर राज्य और क्षेत्र की प्रगति होगी।

उन्होंने कहा कि ये सुधार आत्मनिर्भर भारत की राह आसान बनाने के लिए स्थानीय विनिर्माण आधार को मजबूत करेंगे। इससे छोटे उद्योगों, दुकानदारों, व्यापारियों, उद्यमियों एवं एमएसएमई को भी ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ तथा ‘ईज ऑफ कंप्लायंस’ में अधिक आसानी होगी। खासकर एमएसएमई क्षेत्र में कम कर, कम कीमतें और सरल नियम से न केवल बिक्री को गति मिलेगी बल्कि उद्यमियों पर अनुपालन प्रक्रियाओं का बोझ भी कम होगा जिससे नए-नए कारोबारी अवसर खुलेंगे।

प्रधानमंत्री ने इसी रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों से ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों का समर्थन करने के लिए कहा था। उसे दोहराते हुए उन्होंने अपने खत में लोगों से कहा, ‘ऐसे उत्पाद खरीदें, जिनके निर्माण में किसी भी भारतीय का पसीना और मेहनत शामिल हो। इसे बनाने वाली कंपनी या ब्रांड चाहे कोई भी हो। दुकानदारों से मोदी ने कहा, ‘आइए गर्व से कहें- हम जो खरीदते हैं, वह स्वदेशी है। आइए गर्व से कहें- हम जो बेचते हैं, वह स्वदेशी है।’

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जीएसटी दर में कटौती का स्वागत किया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने ऐलान किया कि उनकी सरकार एक महीने का जागरूकता अभियान चलाएगी, जिसमें वह ‘जीएसटी 2.0 सुधारों’ के लाभ के बारे में लोगों को बताएगी। इसके लिए 65,000 बैठकें आयोजित की जाएंगीं। उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में कटौती से आंध्र प्रदेश को 8,000 करोड़ रुपये का लाभ होगा।

विपक्षी मुख्यमंत्रियों के कई सवाल

दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में केंद्र पर वित्तीय बोझ राज्यों पर डालने का आरोप लगाया और इसके लिए ‘अनुचित श्रेय’ लेने की बात कही। दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने के बाद बनर्जी ने कहा कि हालांकि जीएसटी में कमी के कारण राज्य को 20,000 करोड़ रुपये राजस्व नुकसान होने वाला है, लेकिन उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया, क्योंकि इससे आम आदमी को फायदा होगा। उन्होंने पूछा, ‘20,000 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बाद हमें पैसा कैसे मिलेगा?’

मैसूरु में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पूछा कि केंद्र सरकार ने आठ वर्षों तक अत्यधिक जीएसटी बटोरी है, क्या प्रधानमंत्री यह पैसा सभी भारतीयों को वापस करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भारतीयों को धोखा देने का आरोप लगाया। हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने मांग की कि केंद्र राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को पांच साल तक मुआवजा दे। संवाददाता सम्मलेन में रेड्डी ने कहा कि जब जीएसटी लाया गया था, तो केंद्र ने राजस्व के नुकसान की भरपाई करने का वादा किया था। राज्य सरकार ने पहले कहा था कि उसने अनुमान लगाया है कि उसे सालाना लगभग 7,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

मंत्रियों ने ली दुकानदारों की प्रतिक्रिया

देश की राजधानी दिल्ली में कुछ केंद्रीय मंत्री बाजारों में घूमते हुए दिखाई दिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्वी दिल्ली में दुकानदारों और व्यापारियों के साथ बातचीत की। इसी तरह अन्य मंत्रियों जे पी नड्डा और अश्विनी वैष्णव ने क्रमशः लाजपत नगर और आरके पुरम आदि बाजारों का दौरा कर प्रतिक्रिया ली। भाजपा मुख्यालय में संवादददाता सम्मेलन में वैष्णव ने कहा कि सरकार इस बात पर सतर्क है कि क्या जीएसटी दर में कटौती के लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाए जा रहे हैं। उन्होंने दोषी व्यापारियों और दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।

जीएसटी दर में कटौती ऐसे समय की गई है जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। वैष्णव ने कहा कि जीएसटी सुधारों से खपत में तेजी आएगी, मांग बढ़ेगी, जिससे निवेश प्रवाह बढ़ेगा, नौकरियां सृजित होंगी और आर्थिक विकास होगा। वैष्णव ने कहा कि नवीनतम जीएसटी दर में कटौती से जीडीपी में कम से कम 20 लाख करोड़ रुपये जुड़ेंगे।

अपने खुले पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भोजन, दवाएं, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा और कई अन्य वस्तुएं कर-मुक्त होंगी या सबसे कम 5 प्रतिशत कर स्लैब में आएंगी। जिन वस्तुओं पर पहले 12 प्रतिशत कर लगता था, उन्हें लगभग पूरी तरह से 5 प्रतिशत पर स्थानांतरित कर दिया गया है। मोदी ने लोगों को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि विभिन्न दुकानदार और व्यापारी पहले और अब के बोर्ड लगा रहे हैं जो सुधारों से पहले और बाद के करों को दर्शाते हैं।’

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से ऊपर उठे हैं और एक महत्त्वाकांक्षी नव-मध्य वर्ग का गठन किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने बड़े पैमाने पर आयकर कटौती के साथ अपने मध्य वर्ग के हाथों को भी मजबूत किया है। अब 12 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा।’

उन्होंने कहा कि ऐसे फैसलों से लोगों के घरेलू खर्च कम हो जाएंगे। घर बनाने, वाहन और उपकरण खरीदने तथा बाहर खाने या परिवार की छुट्टी की योजना बनाने जैसी आकांक्षाओं को पूरा करना आसान होगा। मोदी ने कहा कि जीएसटी ने देश को आर्थिक रूप से एकजुट किया। एक राष्ट्र, एक कर से कारोबार में एकरूपता आई है, जिससे व्यापारियों को काफी राहत मिली है।

First Published : September 23, 2025 | 8:52 AM IST