देश के चार महानगरों में गरीबों और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए जीवन का संघर्ष और कठिन हो गया है क्योंकि रोजमर्रा के सामान और दूध की कीमत पिछले एक साल में 40 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा तैयार 14 आवश्यक वस्तुओं की रिटेल कीमत के विश्लेषण से पता चलता है कि दिल्ली में सबसे अधिक दाम चढ़े। इसके बाद कोलकाता मुंबई और चेन्नई में कीमत बढ़ी। प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने प्रेस ट्रस्ट को बताया, ‘आदर्श रूप में महानगरों में खाद्य वस्तुओं की कीमत में अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।’
स्वामीनाथन ने कहा कि ग्राहकों की बढ़ती खरीद क्षमता तथा मांग और आपूर्ति के असंतुलन ने भी चार महानगरों में कीमतें आसमान पर पहुंचा दीं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ी है और उसका असर घरेलू बाजार में साफ नजर आ रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में खाद्य तेल एवं दालों की रिटेल कीमत में 20 से 35 प्रतिशत के दायरे में बढ़ोतरी हुई है। एक अप्रैल को दिल्ली में प्याज चावल चना तूर चीनी मूंगफली तेल और वनस्पति की कीमत अन्य महानगरों के मुकाबले काफी अधिक रही।
ब्याज दरें बढ़ाने का विरोध
उद्योग चैंबर सीआईआई ने मुद्रास्फीति की बढ़ रही दर पर अंकुश लगाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से ब्याज दर में बढ़ोतरी के किसी कदम का विरोध किया है। उसका कहना है कि इससे औद्योगिक उत्पादन के प्रदर्शन में और गिरावट आएगी। रिजर्व बैंक 29 अप्रैल को वार्षिक मौद्रिक नीति घोषित करने वाला है। मंहगाई पर काबू पाने के लिए उस पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव है।
मुद्रास्फीति की दर 22 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान तीन साल के उच्चतम स्तर सात प्रतिशत पर पहुंच गई। सीआईआई ने एक बयान में कहा कि ‘विश्व भर में कमोडिटी के बढ़ते दामों के साथ ही वैश्विक आर्थिक हालात खराब हो रहे हैं।
अर्थव्यवस्था में निवेश को बंद करने वाला कोई भी कदम आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन इन्डेक्स) में और गिरावट के रूप में देखने को मिलेगा।’ चैंबर ने कहा कि रिजर्व बैंक को मजबूत संकेत देने चाहिए कि ब्याज दरें कम होंगी ताकि निवेश को बढ़ाया जा सके या खराब से खराब स्थिति में उसे मौद्रिक उपायों के तहत यथास्थिति बरकरार रखनी चाहिए।
…महंगाई का आलम
दिल्ली में खाद्य तेलों के दाम पिछले एक साल में 20-35 प्रतिशत बढ़ गए हैं। 1 अप्रैल को मूंगफली तेल दिल्ली में 121 रु. प्रति किलो, मुंबई में 91 रु. कोलकाता में 92 रु. और हैदराबाद में 78 रु. प्रति किलो
अन्य मेट्रो शहरों की तुलना में मुंबई में आटे का भाव 24 प्रतिशत बढ़कर 15.50 रुपये प्रति किलो हो गया है।
दक्षिण भारत का प्रमुख खाद्य है चावल। चेन्नई में चावल की कीमतें 4 रुपये प्रति किलो बढ़ गईं है।