प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत के सेवा निर्यातकों ने दूसरी तिमाही में मजबूती से कदम रखा है। जुलाई महीने में उत्पादन और नए ऑर्डर में अगस्त 2024 के बाद सबसे तेज वृद्धि हुई है। एक निजी सर्वे में मंगलवार को कहा गया कि सेवा क्षेत्र को मांग, अंतरराष्ट्रीय बिक्री और उत्पादन से बल मिला है।
एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा तैयार किया गया एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई में 60.5 पर रहा, जो जून में 60.4 पर था। यह सूचकांक पिछले 4 साल से लगातार 50 के तटस्थ स्तर से ऊपर है।
सर्वे में कहा गया है, ‘सर्वे में शामिल लोगों ने कहा कि नए कारोबार में सतत वृद्धि से उत्पादन बढ़ा है। उनके मुताबिक विज्ञापन, मांग में तेजी और नए ग्राहकों के कारण नए ऑर्डर में तेजी आई। जुलाई की तेजी अधिक थी और यह एक साल की दूसरी सबसे बड़ी तेजी है।’ सर्वे में कहा गया है कि विदेश में मांग, खासकर एशिया, कनाडा, यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका से मांग सुधरी है। विदेश में बिक्री के प्रसार की दर तेज थी और साल में दूसरी सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई है।
एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि सेवा पीएमआई से मजबूत वृद्धि के संकेत मिलते हैं, जिसमें मुख्य भूमिका नए निर्यात ऑर्डर की रही है।
उन्होंने आगे कहा, ‘भविष्य को लेकर उम्मीद बढ़ी है। हालांकि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही से नीचे बनी हुई है। कीमतों के मोर्चे पर देखें तो इनपुट और आउटपुट दोनों की कीमतें जून की तुलना में थोड़ी तेजी से बढ़ी हैं। आगे चलकर इसमें बदलाव हो सकता है, जैसा कि हालिया सीपीआई और डब्ल्यूपीआई आंकड़ों से संकेत मिलता है।’
सेक्टर के आंकड़ों से पता चलता है कि नए ऑर्डर और कारोबारी गतिविधियों के हिसाब से फाइनैंस और इंश्योरेंस सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र रहे हैं। वहीं रियल एस्टेट और कारोबारी सेवा में सबसे सुस्त वृद्धि दर्ज की गई है।