अर्थव्यवस्था

भारत की तेल मांग 2040 के मध्य तक होगी स्थिर, वैश्विक मांग 2035 के बाद गिरने की संभावना: बीपी एनर्जी

जून में इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि कच्चे तेल की आपूर्ति में सतत वृद्धि वैश्विक मांग को पीछे छोड़ देगी, जिससे 2030 तक बाजार में तेल की अधिकता हो जाएगी।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- August 21, 2024 | 10:08 PM IST

बीपी एनर्जी के मुख्य अर्थशास्त्री स्पेंसर डेल ने बुधवार को कहा कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत की तेल की मांग 2040 के मध्य तक स्थिर हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि तेल की वैश्विक मांग 2035 तक स्थिर हो जाएगी, उसके बाद गिरनी शुरू होगी।

संवाददाताओं को जानकारी देते हुए डेल ने कहा, ‘मौजूदा स्थिति को देखते हुए तेल की वैश्विक मांग 2035 में तेल की मांग उतनी ही रहेगी, जितनी मांग आज है। तेल की मांग अगले 10 साल तक स्थिर बनी रहेगी।’ यह जानकारियां बीपी एनर्जी आउटलुक 2024 रिपोर्ट से सामने आई हैं।

उन्होंने कहा, ‘ज्यादातर उभरते देशों में तेल की मांग में वृद्धि जारी है, वहीं ओईसीडी सहित विकसित देशों में पिछले 15-20 साल से तेल की मांग कम हो रही है। चीन में तेल की मांग इस दशक के बाद गिरनी शुरू हो जाने की उम्मीद है।’

जून में इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी ने अनुमान लगाया था कि कच्चे तेल की आपूर्ति में सतत वृद्धि वैश्विक मांग को पीछे छोड़ देगी, जिससे 2030 तक बाजार में तेल की अधिकता हो जाएगी। बीपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क परिवहन में तेल की मांग तेजी से गिर रही है। डेल ने कहा कि वाहनों की कार्यकुशलता में सुधार के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के कारण ऐसा हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘हमने पाया है कि भारत में दोपहिया वाहनों का विद्युतीकरण हो रहा है, लेकिन अब प्राकृतिक गैस से चलने वाले दोपहिया वाहन भी अपनी भूमिका निभाने जा रहे हैं। हमें अभी साफ नहीं है कि तेल से चलने वाले वाहनों को कम करने में बिजली से चलने वाले वाहन अहम भूमिका निभाएंगे, या प्राकृतिक गैस के वाहन इनकी जगह लेंगे।’

First Published : August 21, 2024 | 10:08 PM IST