अर्थव्यवस्था

India-US Trade: अमेरिका के मुक्त व्यापार समझौतों में भारत के लिए बड़ा मौका, जानिए नई रणनीति

बेहतर बाजार पहुंच के लिए एफटीए पर बातचीत की पहल कर सकता है अमेरिका

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श्रेया नंदी   
Last Updated- January 22, 2025 | 11:17 PM IST

राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका बेहतर बाजार पहुंच के लिए द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत के लिए विभिन्न देशों के साथ जुड़ने की बात कर रहा है। अमेरिकी सरकार के रुख में हुए इस बदलाव से भारत काफी उत्साहित दिख रहा है।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि भारत के लिहाज से यह एक सकारात्मक बात है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज कहा, ‘यह एक सकारात्मक दृष्टिकोण है क्योंकि अमेरिका क्षेत्रीय एवं द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों के लिए उन देशों के साथ जुड़ने पर विचार कर रहा है जिनके साथ उसका तालमेल बेहतर है।’

ट्रंप के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद जारी ‘अमेरिका फर्स्ट ट्रेड पॉलिसी’ पर ज्ञापन के अनुसार, अमेरिकी सरकार उन देशों की पहचान करेगी जिनके साथ द्विपक्षीय अथवा क्षेत्र विशेष पर आधारित समझौतों के लिए बातचीत की जा सकती है। इससे अमेरिकी श्रमिकों, किसानों, पशुपालकों, सेवा प्रदाताओं एवं अन्य व्यवसायों के लिए निर्यात बाजार में बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी। देशों की पहचान होने के बाद अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) संभावित समझौते के बारे में सिफारिश करेगा।

ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत ने एक लघु व्यापार समझौते पर अमेरिका के साथ व्यापक चर्चा की थी। मगर वार्ता में अच्छी प्रगति होने के बावजूद कुछ विवादास्पद मुद्दों को नहीं निपटाया जा सका और इसलिए समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए थे।

जो बाइडन की सरकार ने 2021 में सत्ता संभाली थी और उसकी किसी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर न करने की नीति थी। मगर उनके कार्यकाल में भारत और अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में लंबित सभी सात विवादों के अलावा कई अन्य विवादास्पद व्यापार मुद्दों को भी सुलझा लिया।

भारत की रणनीति

वाणिज्य विभाग अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी पर ज्ञापन और अमेरिकी सरकार के इरादों का बारीकी से अध्ययन कर रहा है। साथ ही उसके लिए उचित रणनीति तैयार करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच विचार-विमर्श भी किया जा रहा है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘हम अमेरिका फर्स्ट पॉलिसी पर ज्ञापन का अध्ययन कर रहे हैं। उसमें बताई गई कुछ बातों से भारत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में हमें चिंता क्यों करनी चाहिए? हमें चिंता तभी होगी जब भारत पर उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हम पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या उसमें ऐसा भी कुछ है जो भारत पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।’ उन्होंने कहा कि भारत फिलहाल इंतजार करेगा और जरूरत पड़ने पर आवश्यक कार्रवाई भी की जा सकती है।

अधिकारी ने कहा, ‘वाणिज्य विभाग अन्य मंत्रालयों से भी बात कर रहा है और उन्हें स्थिति से अवगत करा रहा है। स्थिति का आकलन करने के बाद साथ मिलकर विचार करेंगे कि आगे क्या किया जा सकता है।’

First Published : January 22, 2025 | 11:06 PM IST