अर्थव्यवस्था

वियतनाम से सस्ते स्टील आयात पर भारत ने शुरू की एंटी-डंपिंग जांच

जून में इक्रा की तरफ से पेश रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 25 व वित्त वर्ष 27 के बीच 2.75 करोड़ टन स्टील उत्पादन की नई क्षमता चालू होने की संभावना है।

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ईशिता आयान दत्त   
Last Updated- August 16, 2024 | 11:49 PM IST

भारत ने वियतनाम से आयातित हॉट रोल्ड फ्लैट प्रॉडक्ट्स पर एंटी-डंपिंग जांच शुरू की है। देसी स्टील उत्पादकों मसलन जेएसडब्ल्यू स्टील और आ​र्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के बदले इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) के आवेदन के बाद यह हो रहा है, जिसने वियतनाम से आयातित हॉट रोल्ड फ्लैट प्रॉडक्ट्स के आयात पर एंटी-डंपिंग जांच शुरू करने की मांग की थी।

वाणिज्य मंत्रालय के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमिडीज (डीजीटीआर) की 14 अगस्त की अधिसूचना में कहा गया है, देसी उद्योग की तरफ से दिए गए आवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया वियतनाम से आयातित उत्पादों की डंपिंग के सबूत हैं, जो देसी उद्योग के लिए खतरा है। ऐसे में हम एंटी-डंपिंग जांच शुरू कर रहे हैं। इसके दायरे में आने वाले उत्पाद हैं हॉट रोल्ड फ्लैट उत्पाद (स्टील के एलॉय या नॉन एलॉय)। जांच की अवधि 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2024 है।

आवेदकों ने पिछली तारीख से एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की मांग भी की है। भारतीय स्टील निर्माता भारत-आसियान फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत वियतनाम के जरिये आ रहे चीन के सस्ते उत्पादों के आयात पर चिंता जताते रहे हैं। ये आयात कम कीमत पर हो रहे थे, जिससे देसी स्टील की कीमतों पर असर पड़ा था।

आवेदकों ने ऐसे आयात से देसी उद्योग को नुकसान का दावा किया था। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ऐसे आयात के प्रतिकूल वॉल्यूम व कीमत प्रभाव के कारण नकद लाभ, बाजार हिस्सेदारी, लाभ व निवेश पर रिटर्न काफी कम हुआ है।

अहम स्टील उत्पादकों ने अपनी विस्तार योजना को 2030-2031 तक 30 करोड़ टन स्टील उत्पादन की क्षमता हासिल करने के लक्ष्य के साथ जोड़ा है।

जून में इक्रा की तरफ से पेश रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 25 व वित्त वर्ष 27 के बीच 2.75 करोड़ टन स्टील उत्पादन की नई क्षमता चालू होने की संभावना है। कोविड महामारी के बाद वित्त वर्ष 21 व वित्त वर्ष 24 के बीच करीब 2.63 करोड़ टन उत्पादन क्षमता चालू हुई है।

अहम स्टील उत्पादक क्षमता जोड़ने पर अरबों डॉलर का निवेश कर र हे हैं और उनकी चिंता है कि सस्ते ​आयात से उनके नकदी प्रवाह पर असर पड़ सकता है, लिहाजा विस्तार योजना पर इसका असर दिख सकता है।

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है, वित्त वर्ष 2024 में भारत स्टील का शुद्ध आयातक बन गया और कुल स्टील ट्रेड का घाटा 11 लाख टन रहा।

First Published : August 16, 2024 | 10:51 PM IST