अर्थव्यवस्था

चालू खाते का घाटा कम करने में भारत अकेला देश नहीं, OECD के आंकड़ों से मिली जानकारी

भारत के चालू खाते के घाटे में मार्च 2023 की तिमाही में सुधार हुआ

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अनुष्का साहनी   
Last Updated- June 29, 2023 | 11:40 PM IST

भारत के अलावा अन्य देशों के चालू खाते के घाटे में भी इस साल सुधार हुआ है। साल 2023 की पहली तिमाही में ब्राजील और US जैसे देशों के चालू खाते का घाटा भी कम हुआ है। यह जानकारी पेरिस के आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के आंकड़ों से प्राप्त हुई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के मंगलवार को जारी आंकड़े के अनुसार मार्च, 2023 में चालू खाते का घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.2 फीसदी हो गया जबकि इसकी पिछली तिमाही में यह आंकड़ा 2.0 फीसदी था।

चालू खाते का घाटा व्यापक तौर पर इसका संकेतक है कि व्यापार और अन्य तरीकों से देश में कितने धन आ रहा है और कितना जा रहा है। इसका आकलन अर्थव्यवस्था के आकार से किया जाता है यानी GDP से होता है। चालू खाते के घाटे का अर्थ है कि देश में आने वाले धन से ज्यादा धन विदेश जा रहा है।

अमेरिका के चालू खाते का घाटा 2023 की पहली तिमाही में GDP का 3.3 फीसदी दर्ज किया गया जबकि एक साल पहले की अवधि में यह GDP का 4.6 फीसदी था। इसी तरह ब्राजील के चालू खाते का घाटा 2023 की शुरुआत में घटकर GDP का 0.8 फीसदी हो गया जबकि 2022 की पहली तिमाही में यह 2.7 फीसदी था। इंडोनेशिया के चालू खाते के घाटे में भी सुधार हुआ जबकि जापान और कोरिया में गिरावट दर्ज हुई।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार यह रुझान 2024 में भी जारी रह सकता है। ब्राजील का चालू खाते का घाटा 2024 में कम होकर GDP का 1.8 फीसदी होने का अनुमान है जबकि यह 2022 में 2.9 फीसदी था।

भारत का चालू खाते का घाटा 2022 में GDP का 2.6 फीसदी था और यह 2024 में घटकर GDP का 1.3 फीसदी रहने का अनुमान है। लिहाजा GDP के अनुपात में भारत का चालू खाते का घाटा आधा रह सकता है। इसी तरह अमेरिका के आंकड़ों में भी सुधार की उम्मीद है। इंडोनेशिया के चालू खाते के घाटे का अधिशेष कम होने की उम्मीद है, ऐसा ही दक्षिण कोरिया के साथ भी हो सकता है।

First Published : June 29, 2023 | 9:15 PM IST