भारत और ऑस्ट्रेलिया ने समग्र आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) को ‘शीघ्र हासिल करने के लिए आगे की रूपरेखा तैयार’ की। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को दी। दोनों देशों के बीच 4 से 6 दिसबंर तक तीन दिवसीय बैठक हुई। इसमें वस्तुओं, सेवाओं, मोबिलिटी, कृषि तकनीक सहयोग में व्यापार सहित प्रस्तावित समझौते के कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा हुई। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया, ‘यह चर्चा भारत की खाद्य सुरक्षा के लक्ष्यों के अनुरूप बाजार पहुंच के तौर-तरीकों पर भी केंद्रित रही।’
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव व प्रमुख वार्ताकार राजेश अग्रवाल और ऑस्ट्रेलिया के दल का नेतृत्व वहां के विदेश मामलों एवं व्यापार विभाग के प्रथम सहायक सचिव व मुख्य वार्ताकार रवि केवलराम ने किया। सिडनी में 19 से 22 अगस्त तक सीईसीए की 10वीं दौर के बातचीत हुई थी और इसमें दोनों पक्षों ने सीईसीए के विभिन्न पहलुओं पर महत्त्वपूर्ण प्रगति की थी।
दरअसल अंतरिम व्यापार समझौते को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के रूप में भी जाना जाता है। ईसीटीए पर हस्ताक्षर के करीब दो महीने बाद फरवरी 2023 में सीईसीए पर वार्ता की शुरुआत हुई थी। दोनों देशों ने अप्रैल 2022 में ईसीटीए पर हस्ताक्षर किए थे, जो साल के अंत में 29 दिसंबर से लागू हुआ।
प्रस्तावित समग्र व्यापार समझौते में वस्तुओं, सेवाओं, डिजिटल व्यापार, सरकारी खरीद, ओरिजन चैप्टर के नियमों के तहत उत्पाद विशिष्ट नियम वाले पांच व्यापक क्षेत्रों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने समग्र समझौते में नए क्षेत्रों को शामिल करने में रुचि दिखाई है। इन क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा नीति, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), जेंडर, नवाचार, कृषि तकनीक, महत्त्वपूर्ण खनिज और खेल शामिल हैं।
बयान के अनुसार, ‘दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने सीईसीए के भविष्य और भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक साझेदारी को लेकर आशावादी रुख पेश किया। इस विचार-विमर्श ने कृषि नवाचार, बाजार पहुंच और आपूर्ति चेन की मजबूती के क्षेत्रों में विशेष तौर पर भविष्य के सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया।’