प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 74 फीसदी ग्रामीण परिवारों को उम्मीद है कि मई 2025 तक उनकी आय बढ़ जाएगी, जबकि मार्च 2024 में ऐसा मानने वाले 72 फीसदी थे। यह सितंबर 2024 में नाबार्ड के द्वि-मासिक ग्रामीण आर्थिक स्थिति और भावना सर्वेक्षण (आरईसीएसएस) की शुरुआत के बाद से आने वाले वर्ष में अपनी आय में वृद्धि की उम्मीद करने वाले लोगों का सबसे अधिक प्रतिशत है।
ALSO READ: कम होगी कमाई की रफ्तार! 2026 में वेतन वृद्धि घटकर 6.5% रहने का अनुमान; रिपोर्ट में खुलासा
नाबार्ड ने यह सर्वेक्षण 600 गांवों में 6000 परिवारों (नमूने के तौर पर प्रत्येक गांव से 10 परिवार लिए गए हैं) को कवर करते हुए किया गया है। सर्वेक्षण से पता चला है कि ग्रामीण भारत में न केवल अपनी आय में वृद्धि की उम्मीद करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, बल्कि अपनी आय में गिरावट की उम्मीद करने वाले लोगों की संख्या भी सितंबर 2024 में 7.3 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी रह गई है। नवंबर 2024 में यह बढ़कर 7.8 फीसदी हो गई थी। ग्रामीण भारत में आय के बारे में बढ़ता आशावाद पिछले कुछ महीनों में ग्रामीण क्षेत्र में आई समग्र सकारात्मक भावना से मेल खाता है। वर्ष 2025 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के ‘सामान्य से अधिक’ रहने के पूर्वानुमान से कृषि विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा ग्रामीण भारत में उपभोग मांग में वृद्धि होगी। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है।
इस बीच, नाबार्ड की रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि आय पर निकट अवधि की भावना (अगली तिमाही यानी जुलाई से सितंबर) में भी मई में मामूली सुधार हुआ। जिसमें 53.8 फीसदी लोगों ने बेहतर आय की उम्मीद की, जबकि मार्च 2025 में 52.5 फीसदी लोगों ने ऐसा कहा था। अगली तिमाही के लिए रोजगार का परिदृश्य भी कुछ इसी प्रकार का है। नाबार्ड सर्वेक्षण से पता चला है कि मई 2025 में 53.5 फीसदी परिवारों को रोजगार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है, जो सितंबर 2024 के बाद से सबसे अधिक है। वहीं केवल 8 फीसदी परिवारों ने गिरावट की भविष्यवाणी की।