अर्थव्यवस्था

IMF ने भारत की GDP Growth rate का अनुमान बढ़ाया, FY27 तक 6.4% रहने की उम्मीद

IMF ने यह बदलाव अपनी ताजा विश्व आर्थिक आउटलुक (World Economic Outlook - WEO) रिपोर्ट में किया है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- July 29, 2025 | 7:08 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक रुख अपनाते हुए चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 20 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.4% कर दिया है। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भी अनुमान 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 6.4% किया गया है।

IMF ने यह बदलाव अपनी ताजा विश्व आर्थिक आउटलुक (World Economic Outlook – WEO) रिपोर्ट में किया है, जो मंगलवार को जारी की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संशोधन बाहरी आर्थिक वातावरण के पहले से बेहतर रहने की संभावना के चलते किया गया है। IMF ने वैश्विक वृद्धि दर के अनुमानों में भी सुधार किया है। अब 2025 के लिए वैश्विक वृद्धि दर 3% (20 बेसिस प्वाइंट अधिक) और 2026 के लिए 3.1% (10 बेसिस प्वाइंट अधिक) रहने का अनुमान है।

IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गोरिंचास ने कहा कि भविष्य में संभावित टैरिफ के डर से पहले ही व्यापार में तेजी आई, जिससे यूरोप और एशिया की आर्थिक गतिविधियों को बल मिला। इसके अलावा, अमेरिका डॉलर में कमजोरी, वित्तीय स्थितियों में सुधार और कुछ देशों में राजकोषीय विस्तार ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।”

IMF ने चीन की 2025 की विकास दर को 80 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर 4.8% कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि 2025 की पहली छमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन और अमेरिका-चीन टैरिफ में कटौती इसके प्रमुख कारण हैं। 2026 के लिए चीन की वृद्धि दर का अनुमान भी 0.2 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 4.2% कर दिया गया है। वैश्विक हेडलाइन मुद्रास्फीति (महंगाई दर) के लिए IMF का अनुमान है कि यह 2025 में 4.2% और 2026 में 3.6% तक घट सकती है। यह आंकड़े अप्रैल में जारी अनुमान से लगभग समान हैं।

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IMF ने चेतावनी दी कि यदि टैरिफ दरों में फिर से वृद्धि होती है, तो यह वैश्विक विकास को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, भूराजनीतिक तनाव, सप्लाई चेन में रुकावट और कमोडिटी कीमतों में वृद्धि भी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। वहीं, अगर वैश्विक व्यापार वार्ताओं के जरिए एक स्थिर और पूर्वानुमेय ढांचा तैयार होता है और टैरिफ में कमी आती है, तो यह वैश्विक विकास के लिए सकारात्मक हो सकता है।

IMF की इस रिपोर्ट से साफ है कि भारत की आर्थिक विकास यात्रा मजबूत बनी हुई है, और यदि वैश्विक परिस्थितियां अनुकूल रहीं, तो आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में अपनी स्थिति और मजबूत कर सकता है।

First Published : July 29, 2025 | 7:08 PM IST