वित्त-बीमा

प्राइवेट सेक्टर से होगा SBI का अगला MD! सरकार ने खोला रास्ता

देश के सबसे बड़े बैंक में अब प्राइवेट क्षेत्र के अनुभवी पेशेवर भी टॉप मैनेजमेंट का हिस्सा बन सकते हैं

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हर्ष कुमार   
आतिरा वारियर   
अनुप्रेक्षा जैन   
Last Updated- October 10, 2025 | 9:50 AM IST

सरकार ने पहली बार देश के सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में एक मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) की पोस्ट प्राइवेट सेक्टर के बैंकरों के लिए खोल दी है। यह कदम सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों में लीडरशिप चुनने के तरीके में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

अब प्राइवेट बैंकों से जुड़े अनुभवी प्रोफेशनल भी SBI में टॉप मैनेजमेंट का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा, फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशंस ब्यूरो (FSIB) को भी यह अधिकार दिया गया है कि वह उम्मीदवारों का मूल्यांकन करके उन्हें नियुक्ति के लिए सिफारिश कर सकेगा। इस प्रक्रिया में अब APAR (Annual Performance Appraisal Report) को अनिवार्य नहीं माना जाएगा।

नए नियम क्या कहते हैं?

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग (DFS) ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों और बीमा कंपनियों को लेटर भेजकर बताया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने चेयरमैन, CEO, MD और ED जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति के लिए नए दिशा-निर्देश मंजूर कर लिए हैं।

SBI के चार MD पदों में से एक पद पर अब प्राइवेट क्षेत्र के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि उम्मीदवार के पास कम से कम 21 साल का प्रोफेशनल अनुभव हो, जिसमें 15 साल का बैंकिंग अनुभव अनिवार्य है। इसके अलावा, उसे किसी बैंक के बोर्ड स्तर पर कम से कम दो साल या बोर्ड से नीचे के टॉप लेवल पर तीन साल काम करने का अनुभव होना चाहिए।

हालांकि, इस पद के लिए पब्लिक सेक्टर के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। यानी यह पद पूरी तरह प्राइवेट बैंकरों के लिए रिजर्व नहीं होगा।

कब खाली हो सकता है SBI MD पद?

SBI के मौजूदा MD अश्विनी कुमार तिवारी का कार्यकाल जनवरी 2026 में खत्म हो रहा है। ऐसे में इस पद पर प्राइवेट बैंकर की नियुक्ति की संभावना बन सकती है। गौरतलब है कि SBI का चेयरमैन भी इन्हीं चार MDs में से चुना जाता है। यानी भविष्य में कोई प्राइवेट बैंकर SBI का चेयरमैन भी बन सकता है।

SBI MD चयन प्रक्रिया में क्या बदलाव?

FSIB अब उम्मीदवारों की कौशल और व्यवहार क्षमता (Behavioural & Competency) का आकलन करने के लिए HR एजेंसी की मदद ले सकेगा। यह एजेंसी सिर्फ प्रारंभिक मूल्यांकन करेगी, लेकिन उम्मीदवारों की छंटनी (shortlisting) में शामिल नहीं होगी।

इसके अलावा, अब टॉप पदों के लिए आवेदन करने वाले अधिकारियों को यह बताना होगा कि पिछले 10 साल में उनके खिलाफ कोई सजा या दंड (major या minor) तो नहीं लगाया गया है। अगर किसी अधिकारी पर दो या अधिक बड़ी सजा लगी है, तो वह आवेदन के योग्य नहीं होगा।

SBI के MD, चेयरमैन और CEO जैसे पदों के लिए APAR अब जरूरी नहीं रहेगा, लेकिन ED पद के लिए APAR के 30 नंबर माने जाएंगे।

अब गैर-जीवन बीमा कंपनियों में ED का तबादला केवल ACC की मंजूरी से ही हो सकेगा। पहले DFS यह काम खुद करता था।

किन्हें फायदा होगा?

एक सरकारी बैंक के अधिकारी ने कहा कि इस बदलाव से चयन की प्रक्रिया तेज होगी और योग्य लोगों को मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, “फिलहाल कई टॉप पद खाली हैं, और इस वजह से मजबूत और तेज प्रक्रिया की जरूरत है।”

CIEL HR सर्विसेज के MD और CEO आदित्य मिश्रा ने कहा कि प्राइवेट क्षेत्र के लोगों को SBI जैसे बड़े बैंक में लाकर नई सोच और तकनीक को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा, “SBI को इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में लीड करना चाहिए, लेकिन अभी वह उस स्तर पर नहीं है, न भारत में और न ही वैश्विक बाजार में। बाहरी नजरिए से सोचने वाला कोई व्यक्ति निर्णय लेने वाले बोर्ड में होगा, तो यह फायदेमंद रहेगा।”

PSB Manthan और 2047 का विजन

पिछले महीने, वित्त मंत्रालय ने PSB मंथन नाम से दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें सरकारी बैंकों की टॉप लीडरशिप के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के सुधारों पर चर्चा की गई थी। सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक कम से कम 2-3 पब्लिक सेक्टर के बैंक दुनिया के टॉप 20 बैंकों में शामिल हो जाएं।

पद के लिए उम्र और सेवा शर्तें क्या होंगी?

SBI के MD पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 45 साल और कम से कम दो साल की बची हुई सेवा (residual service) होनी चाहिए। SBI चेयरमैन की रिटायरमेंट की उम्र 63 साल तय की गई है। अन्य बैंकों में MD/CEO और ED पदों के लिए क्रमश: तीन साल की बची हुई सेवा, 45 और 40 साल की न्यूनतम उम्र तय की गई है।

First Published : October 10, 2025 | 9:41 AM IST