एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में “मजबूत वृद्धि” के लिए तैयार है और मुद्रास्फीति के दबाव में कमी आने का अनुमान है, जिससे आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति में “मामूली” ढील दी जाएगी। 2025 के लिए अपने भारत के outlook में, वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं 2025-26 में विकास दर के 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा है।
इस पर एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा कि शहरी खपत में वृध्दि, सेवा क्षेत्र (Service Sector) में बढ़त का बरकरार रहना और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हो रहे निवेश की ओर लगातार झुकाव के चलते, भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में एक मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। राणा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक याने रिज़र्व बैंक, 2025 के दौरान मौद्रिक नीति में मामूली ढील देगा क्योंकि मुद्रास्फीति का दबाव कम हो जाएगा।
पिछले सप्ताह, RBI ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए बेंचमार्क ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा, लेकिन सिस्टम में तरलता डालने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 50 आधार अंकों की कटौती की। भारत की अर्थव्यवस्था 2023-24 में 8.2 प्रतिशत बढ़ी।
इसने कहा कि वित्त वर्ष 2 (जून-सितंबर 2024) के लिए जीडीपी वृद्धि प्रिंट 5.4 प्रतिशत पर उम्मीद से कमजोर थी।
राजकोषीय आवेग धीमा था, और शहरी मध्यम वर्ग जैसे कमजोर क्षेत्रों ने पीछे हटना शुरू कर दिया। इसने कहा कि विनिर्माण वृद्धि, जो वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि के हमारे पूर्वानुमान के लिए कुछ नकारात्मक जोखिम डालती है।
अर्थव्यवस्था के लिए कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र और घरेलू बैलेंस शीट में महामारी के बाद की कमजोरी, अत्यधिक प्रतिस्पर्धी वैश्विक विनिर्माण वातावरण और कृषि क्षेत्र की कमजोर वृद्धि शामिल है।