Warehousing & Logistics Sector: देश के वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर में इस साल की तीसरी तिमाही (Q3 2025) में काफी सुधार देखने को मिला है। तीसरी तिमाही में इस सेक्टर की मांग में दूसरी तिमाही की तुलना में काफी इजाफा हुआ है। हालांकि यह मांग सालाना आधार पर अभी भी कम है। पिछले साल तीसरी तिमाही में रिकॉर्ड मांग दर्ज की गई थी।
रियल एस्टेट रिसर्च फर्म वेस्टियन की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर की कुल मांग 92 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई, जो दूसरी तिमाही से 64 फीसदी ज्यादा है। हालांकि सालाना आधार पर तीसरी तिमाही में इस सेक्टर की मांग में 36 फीसदी की कमी दर्ज की गई। पिछले साल तीसरी तिमाही में इस सेक्टर की मांग 1.42 करोड़ वर्ग फुट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।
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वेस्टियन रिसर्च के सीईओ श्रीनिवास राव ने कहा, “पिछली तिमाही की सुस्ती के बाद 2025 की तीसरी तिमाही में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर में स्पष्ट सुधार देखा गया है। मुंबई, कोलकाता और एनसीआर जैसे शहर इस मांग में सबसे आगे रहे। प्रमुख माइक्रो मार्केट में मांग में पुनरुत्थान के साथ ही ई-कॉमर्स और 3पीएल (थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक) क्षेत्रों में नई गति इस क्षेत्र के विविधीकरण को रेखांकित करती है। इस सेक्टर के उद्यमी ग्रेड-ए परिसंपत्तियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। जिससे भारत का वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक परिदृश्य आगामी तिमाहियों में बेहतर प्रदर्शन के लिए नया रूप ले रहा है।”
तीसरी तिमाही के दौरान वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर में मुंबई ने सबसे अधिक योगदान दिया और 47 फीसदी हिस्सेदारी के साथ इस शहर में 42.9 लाख वर्ग फुट मांग दर्ज की गई, जो पिछली तिमाही की तुलना में 377 फीसदी और पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। मुंबई की कुल मांग में भिवंडी और पनवेल जैसे प्रमुख माइक्रो मार्केट का 96 फीसदी हिस्सा रहा।
एनसीआर 12.8 लाख वर्ग फुट मांग के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जिसमें पिछली तिमाही की तुलना में 83 फीसदी बढ़ोतरी हुई, लेकिन सालाना आधार पर 40 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। चेन्नई ने भी मजबूत प्रदर्शन किया और यहां 11.3 लाख वर्ग फुट मांग दर्ज की गई, जो पिछली सात तिमाहियों में सबसे अधिक है। यह तिमाही-दर-तिमाही 151 फीसदी और साल-दर-साल 38 फीसदी ज्यादा है।
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कोलकाता ने रिकॉर्ड प्रदर्शन किया और यहां तीसरी तिमाही में 12.6 लाख वर्ग फुट मांग देखी गई, जो पिछली तिमाही से 950 फीसदी और पिछले वर्ष की समान अवधि से 186 फीसदी अधिक रही। साथ यह अब तक की सबसे ऊंची मांग है। हैदराबाद में मांग 4.7 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई, जो पिछली तिमाही से 7 फीसदी अधिक, लेकिन सालाना आधार पर 14 फीसदी कम रही।
बाकी शहरों के विपरीत पुणे और बेंगलूरु में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर ने कमजोर प्रदर्शन किया। पुणे में इस सेक्टर की मांग सालाना 87 फीसदी और तिमाही आधार पर 31 फीसदी गिरावट के साथ 6.4 लाख वर्ग फुट रही। बेंगलूरु में तीसरी तिमाही में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक सेक्टर की मांग सालाना 90 फीसदी और तिमाही आधार पर 94 फीसदी की गिरावट के साथ महज 1.3 लाख वर्ग फुट पर सिमट गई और यह प्रमुख सात शहरों में सबसे कम है।
City-wise Absorption
| City | Q3 2025 | Q2 2025 | Q3 2024 | Q3 2025 vs Q2 2025 | Q3 2025 vs Q3 2024 |
| Bengaluru | 0.13 | 2.03 | 1.35 | -94% | -90% |
| Chennai | 1.13 | 0.45 | 0.82 | 151% | 38% |
| Hyderabad | 0.47 | 0.44 | 0.55 | 7% | -14% |
| Pune | 0.64 | 0.93 | 5.08 | -31% | -87% |
| Mumbai | 4.29 | 0.90 | 3.89 | 377% | 10% |
| Kolkata | 1.26 | 0.12 | 0.44 | 950% | 186% |
| NCR | 1.28 | 0.70 | 2.15 | 83% | -40% |
| Pan-India | 9.20 | 5.57 | 14.28 | 64% | -36% |
Source: Vestian Research