BS
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल उधारी में चूक नुकसान गारंटी (DLG) के संबंध में गुरुवार को दिशानिर्देश जारी किए। केंद्रीय बैंक का यह कदम ऋण प्रणाली में व्यवस्थित विकास सुनिश्चित करने के लिए है।
DLG एक विनियमित इकाई (RE) और निर्धारित मानदंड पूरा करने वाली इकाई के बीच एक अनुबंध व्यवस्था है, जिसके अंतर्गत मानदंड पूरा करने वाली इकाई निर्दिष्ट ऋण के एक तय प्रतिशत तक चूक पर RE को नुकसान की भरपाई करने की गारंटी देती है। RE का आशय बैंकों के अलावा RBI के नियमन में आने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं (NBFC) से है।
दिशानिर्देश के अनुसार, कोई RE DLG व्यवस्था में सिर्फ ऋण सेवा प्रदाता (LSP) या अन्य RE के साथ आ सकता है, जिसके साथ उसकी आउटसोर्सिंग (LSP) व्यवस्था है। दिशानिर्देश में कहा गया, ‘DLG व्यवस्थाओं को RE और DLG प्रदाता के बीच एक स्पष्ट कानूनी रूप से लागू करने योग्य अनुबंध द्वारा समर्थित होना चाहिए।’ रिजर्व बैंक ने डिजिटल उधारी के लिए पिछले वर्ष नियामक ढांचा जारी किया था।