जीएसटी संग्रह 1.4 लाख करोड़ के पार

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:03 PM IST

 वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अगस्त में लगातार छठे महीने 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा। बेहतर अनुपालन, खपत बहाल होने और बढ़ी महंगाई के कारण इसमें पिछले साल अगस्त की तुलना में 20 प्रतिशत वृद्धि हुई और यह 1.43 लाख करोड़ रुपये हो गया है।  अगस्त 2021 में जीएसटी संग्रह 1.12 लाख करोड़ रुपये था।
बहरहाल अप्रत्यक्ष कर राजस्व में पिछले महीने की तुलना में कमी आई है। जुलाई में 1.49 लाख करोड़ रुपये जीएसटी आया था। जुलाई से पहले से पैकेटबंद खाद्य वस्तुओं पोर जीएसटी लगाए जाने के बावजूद पिछले महीने की तुलना में जीएसटी संग्रह कम रहा है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘अगस्त महीने में जीएसटी राजस्व में वृद्धि पिछले साल के समान महीने की तुलना में 33 प्रतिशत है। इसमें तेजी जारी है। जीएसटी परिषद की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों का असर साफ नजर आ रहा है, जो बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने को लेकर थे। बेहतर रिपोर्टिंग के साथ आर्थिक रिकवरी का जीएसटी राजस्व पर लगातार सकारात्मक असर पड़ा है।’
कुल 1.43 लाख करोड़ संग्रह में 24,710 करोड़ रुपये केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और 30,951 करोड़ रुपये राज्य जीएसटी है। माह के दौरान एकीकृत जीएसटी का संग्रह 77,782 करोड़ रुपये है, जिसमें वस्तुओं के आयात पर 42,067 करोड़ रुपये कर शामिल है। आईजीएसटी संग्रह में केंद्र सरकार का सीजीएसटी 29,524 करोड़ रुपये और एसजीएसटी 25,119 करोड़ रुपये है। इससे पता चलता है कि केंद्र व राज्यों का कुल राजस्व क्रमशः 54,234 करोड़ रुपये और 56,070 करोड़ रुपये है।
इस माह के दौरान करीब 10,168 करोड़ रुपये उपकर का संग्रह किया गया। वहीं जुलाई में करीब 7.6 करोड़ ई-वे बिल का सृजन हुआ,  जो जून के 7.4 करोड़ की तुलना में ज्यादा है। यह जुलाई 2021 के 6.4 करोड़ की तुलना में 19 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि इसके पहले के महीने की तुलना में जीएसटी संग्रह में मामूली कमी आई है, लेकिन पिछले साल की तुलना में शानदार वृद्धि हुई है। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इसमें खपत में बहाली, अनुपालन में सुधार के साथ बढ़ी महंगाई का असर नजर आ रहा है।
नायर ने कहा, ‘अगर आगे की स्थिति देखें तो सितंबर में जीएसटी संग्रह में पिछले साल की तुलना में वृद्धि 20 प्रतिशत के ऊपर बने रहने की संभावना है, जिसके बाद वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर घटकर 12-15 प्रतिशत रह सकती है।’केपीएमजी में पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा, ‘कोविड-19 के मामले घटने बढ़ने के बीच लगातार कर संग्रह में बढ़ोतरी आर्थिक तेजी के संकेत दे रहा है।’ उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने व महंगाई दर अधिक होने से कर संग्रह में तेजी आई है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि देश में त्योहारों का मौसम शुरू होने के कारण आने वाले महीनों में भी कर संग्रह में तेजी बनी रहेगी। डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘त्योहारों में हर तरह के कारोबार में खपत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसे देखते हुए आगामी महीनों में भी कर संग्रह तेज रहने की संभावना है।’
22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अगस्त में कर संग्रह में पिछले साल की तुलना में कम से कम 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है। ज्यादातर बड़े राज्यों के कर संग्रह में 15 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र में मासिक संग्रह में 24 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है और यह 18,863 करोड़ रुपये रहा है। कर्नाटक में 29 प्रतिशत बढ़कर 9,583 करोड़ रुपये, तमिलनाडु में 19 प्रतिशत बढ़कर 8,386 करोड़ रुपये, पश्चिम बंगाल में 25 प्रतिशत बढ़कर 4,600 करोड़ रुपये रहा है।

First Published : September 1, 2022 | 10:24 PM IST