वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि महंगाई को रोकने के लिए सरकार पर बहुत दबाव है
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिंस और तेल की कीमतें पिछले कु छ साल से बहुत तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि इस धारणा से पूरा माहौल ही बदल गया है। मांग और आपूर्ति में कहीं न कहीं भारी अंतर पैदा हो गया है।
चिदंबरम ने कहा
, ‘हमारा उद्देश्य है कि विकास दर 2007-08 में 8 प्रतिशत से ऊपर और 9 प्रतिशत के करीब बनी रहे।‘ 1990 में कच्चे तेल की कीमतें 37 डॉलर प्रति बैरल थीं, जबकि आज कीमतें 111 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई हैं।
साथ ही एल्युमिनियम, निकेल, लेड, लौह अयस्क और स्टील की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। एक मार्च को समाप्त सप्ताह में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 5.11 प्रतिशत पर पहुंच गई है। रिजर्व बैंक ने 2007-08 के लिए मुद्रास्फीति की दर 5 प्रतिशत के नीचे बने रहने को सुरक्षित और बेहतर माना था।