अर्थव्यवस्था को सरकारी सहारा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:13 AM IST

सरकार ने कोविड-19 की दूसरी लहर से बदहाल अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज विभिन्न क्षेत्रों के लिए नई ऋण गारंटी योजना सहित 6.28 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य, पर्यटन क्षेत्रों और छोटे कर्जदारों के लिए ऋण गारंटी योजना की घोषणा करने के अलावा आपात ऋण सुविधा योजना (ईसीएलजीएस) की रकम बढ़ाकर 4.5 लाख करोड़ रुपये कर दी। सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को दोबारा संवारने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत बनाने के उपायों के साथ ही आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का दायरा भी बढ़ाया है। 
सरकार की घोषणाओं में 2.6 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी और 2.4 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं शामिल हैं। ये योजनाएं अगले दो से चार वर्षों के दौरान अर्थव्यवस्थाओं के विभिन्न क्षेत्रों  को मदद पहुंचाएंगी और चालू वित्त वर्ष में इससे सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ेगा। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इन नई घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु इस वित्त वर्ष में करीब 60,000 करोड़ रुपये का इंतजाम करना होगा। इसमें ऋण गारंटी योजना शामिल नहीं होगी। बच्च्चों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने के लिए अलग से 23,200 करोड़ रुपये का प्रावधान है। 
इन राहत उपायों की घोषणाओं के दौरान सीतारमण ने कहा, ‘हम अर्थव्यवस्था के लिए 8 राहत उपायों की घोषणा कर रहे हैं, जिनमें चार बिल्कुल नए होंगे। इनमें एक विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ा है और दूसरा सामान्य अर्थव्यवस्था, निर्यात एवं कर्मचारियों से संबंधित है। हम कोविड-19 की दूसरी लहर के असर से पर्यटन क्षेत्र को बचाना चाहते हैं और इसके लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं।’
कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्रों के लिए सरकार ने 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना शुरू की है। इनमें 50,000 करोड़ रुपये देश के छोटे शहरों में स्वास्थ्य ढांचा दुरुस्त करने पर खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत तीन साल के लिए 100 करोड़ रुपये तक के कर्ज 7.95 प्रतिशत ब्याज पर दिए जाएंगे।
इस मौके पर वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा, ‘स्वास्थ्य ढांचे के लिए एक निश्चित राशि तय नहीं की गई है। मांग के अनुरूप इस क्षेत्र के लिए रकम का प्रबंध होता रहेगा।’ इस योजना के तहत शेष बची 60,000 करोड़ रुपये की रकम यात्रा एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों के लिए रखी गई है। इन क्षेत्रों के लिए ऐसे ऋणों पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आवश्यक महसूस होने पर इस योजना के प्रावधानों में बदलाव किए जाएंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मदद पहुंचाने और मांग बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अन्य ऋण गारंटी योजना की घोषणा की है। इसके तहत सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के जरिये ऋण मुहैया कराया जाएगा। सरकार नए या मौजूदा एमएफआई को 1.25 लाख करोड़ रुपये तक के आवंटित ऋण पर सूचीबद्ध व्यावसायिक बैंकों को अपनी गारंटी देगी। एमएफआई बैंकों से रकम लेकर करीब 25 लाख छोटे ग्राहकों को ऋण आवंटित करेंगे।

First Published : June 28, 2021 | 11:10 PM IST