वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच (Fitch) ने भारत की रेटिंग अपरिवर्तित रखी है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बढ़ी हैं और निजी क्षेत्र भी बड़े स्तर पर निवेश करने की तैयारी कर रहा है।
एजेंसी ने कहा कि इन बातों को ध्यान में रखते हुए उसने भारत की रेटिंग बीबीबी- बरकरार रखी है और भारत पर दीर्घ अवधि के ऋण पर परिदृश्य स्थिर रखा है। फिच ने कहा कि सरकार से सहयोग मिलने के बाद कंपनियों और बैंकों के बहीखाते में पिछले कुछ वर्षों में काफी सुधार हुआ है और आधारभूत संरचना के विकास पर भी पहले से अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
फिच ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि निवेश की बेहतर संभावनाओं के बीच वित्त वर्ष 2024 में देश की आर्थिक वृद्धि दर (GDP) 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, फिच ने कहा कि बढ़ी महंगाई, ऊंची ब्याज दरों और वैश्विक स्तर पर मांग में कमी देश के समक्ष प्रमुख चुनौतियां हो सकती हैं।
वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के जीडीपी को लेकर फिच का अनुमान दूसरी बड़ी संस्थाओं जैसे एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक की तुलना में काफी कम है मगर यह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान से अधिक है।
Fitch ने कहा, दूसरे देशों की तुलना में भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं काफी मजबूत हैं और विदेश से आने वाले वित्तीय संसाधन भी पर्याप्त मात्रा में आ रहे हैं। इन बातों से भारत को पिछले एक वर्ष के दौरान वैश्विक स्तर पर होने वाले उठापटक से निपटने में मदद मिली है।
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रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मगर भारत की आंतरिक वित्तीय स्थिति थोड़ी कमजोर जरूर रही है जिसका सीधा असर हमें बढ़े राजकोषीय घाटे और अधिक कर्ज के रूप में दिख रहा है। फिच ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय और विश्व बैंक के मानकों पर भी भारत थोड़ा फिसला है। हालांकि, एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 तक देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 6.7 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कंपनियों की आय बढ़ने और बैंकों के बहीखाते मजबूत होने के बाद निजी क्षेत्र पहले की तुलना में निवेश करने के लिए अब अधिक उत्साहित दिख दिख रहा है।
दरअसल सरकार ने देश में आधारभूत संरचना के विकास पर भी खासा जोर दिया है और इस खंड में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का वित्तीय क्षेत्र काफी मजबूत स्थिति में है।