रूस और यूक्रेन के बीच टकराव के कारण वैश्विक व्यापार में व्यवधान आया है, ऐसे में भारत के वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि कम रहने की उम्मीद है। निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में निर्यात की वृद्धि दर करीब 11 प्रतिशत रहेगी और 470 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात होगा।
वित्त वर्ष 2021-22 में भारत का निर्यात 45 प्रतिशत बढ़कर 422 अरब डॉलर हो गया था। सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में महंगाई बढ़ी है और इससे खरीद शक्ति पर असर पड़ा है। साथ ही भंडारण भी बढ़ गया है। इससे मांग प्रभावित हुई है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारत से विदेश जाने वाली खेप 13 महीने के निचले स्तर 33.92 अरब डॉलर पर है, और अगस्त में 1.62 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हालांकि इसका सकारात्मक पहलू यह है कि खरीदार चीन की जगह भारत का रुख कर रहे हैं।
फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, ‘चीन महंगा हो गया है और उसकी विश्वसनीयता कम हुई है। कोविड को लेकर शून्य लापरवाही और चीन के खिलाफ धारणा बनने से भारत को आधार मिल रहा है। तमाम सस्ते सामान के बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं, जहां चीन का एकाधिकार हुआ करता था। अब वह कारोबार भारत के पास आ रहा है।’