अर्थव्यवस्था

पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात से होने वाली आय 13.15% घटकर 3.3 अरब डॉलर रह गई

निर्यात व्यापार बढ़ने के बावजूद इस साल मई में रिफाइनरी से निकले पेट्रोलियम उत्पादों से आय कम रही क्योंकि दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमत भी कम थीं।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- June 19, 2025 | 11:05 PM IST

निर्यात व्यापार बढ़ने के बावजूद इस साल मई में रिफाइनरी से निकले पेट्रोलियम उत्पादों से आय कम रही क्योंकि दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमत भी कम थीं। पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के हाल ही में जारी आंकड़ों से पता चला कि इस साल मई में पेट्रोलियम निर्यात से होने वाली आय 13.15 फीसदी घटकर 3.3 अरब डॉलर रह गई, जो पिछले साल मई में 3.8 अरब डॉलर थी।

मई में कच्चे तेल की कीमतें 60 से 62 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहीं, जो पहले 80 डॉलर प्रति बैरल थीं। इसलिए विमान ईंधन और हाईस्पीड डीजल के निर्यात में गिरावट आई। मगर वित्त वर्ष 2025 में निर्यात से होने वाली आय 30 फीसदी बढ़ गई क्योंकि प्रमुख निर्यातकों ने अपनी क्षमता का विस्तार किया।

इस बीच मई में कच्चे तेल के आयात पर खर्च 15.6 फीसदी घटकर 11.3 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले 13.4 अरब डॉलर था। आयात पर खर्च में गिरावट इसलिए दिलचस्प है क्योंकि मई में 2.33 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात हुआ, जबकि पिछले साल मई में केवल 2.2 करोड़ टन आयात ही हुआ था।

भारतीय रिफाइनरियों ने मई में लगभग उतना ही तेल शोधन किया, जितना पिछले साल मई में था। उस महीने के मुकाबले मात्रा केवल 0.4 फीसदी बढ़कर 2.31 करोड़ टन रही। मगर इसी अप्रैल के 2.15 करोड़ टन के मुकाबले इसमें 7.4 फीसदी वृद्धि रही। मई में रिफाइन किए गए कच्चे तेल में सरकारी तेल उपक्रमों और संयुक्त उद्यम की 1.56 करोड़ टन और निजी कंपनियों की 75 लाख टन हिस्सेदारी रही।

इस दौरान देश में कच्चे तेल का उत्पादन 23 लाख टन पर ठहरा रहा। अप्रैल के 21 लाख टन के मुकाबले उत्पादन में 9.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इनमें सरकारी ऑयल ऐंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की 15 लाख टन और ऑयल इंडिया लिमिटेड (ऑयल) की 3 लाख टन हिस्सेदारी रही।

First Published : June 19, 2025 | 10:34 PM IST