अर्थव्यवस्था के लिए हर जतन

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:02 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी असर का जायजा ले रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में आज वास्तविक आर्थिक वृद्घि दर का अनुमान 100 आधार अंक घटा दिया। मगर सीतारमण ने कहा कि महामारी के कारण फैली अनिश्चितता के बीच अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी और उनका मंत्रालय अभी इस बारे में जानकारी एवं आंकड़े जुटा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हरमुमकिन कोशिश कर रही है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में आज वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक का अनुमान चुनिंदा क्षेत्रों पर आधारित रहता है मगर मंत्रालय व्यापक समीक्षा के बाद ही अनुमान देगा। इस बारे में अभी उद्योगों और राज्यों से बातचीत चल रही है और आंकड़े मंगाए जा रहे हैं। मगर उन्होंने कहा कि गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सरकार खर्च भी कर रही है और योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी नजर रख रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में महामारी का तेज प्रसार देखकर सरकार ने कई उपाय किए हैं। ग्रामीणों को मुफ्त अतिरिक्त अनाज देने की योजना दो महीने के लिए बढ़ा दी गई है और किसान सम्मान निधि के तहत धनराशि भी जारी की जा रही है। इसके अलावा महात्मा गांधी राष्टï्रीय ग्रामीण रोजगार योजना  के तहत बढ़ती मांग के लिए भी पूरा इंतजाम किया जा रहा है।
गरीबों और मध्य वर्ग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘पिछले साल से ही दिख रहा है कि हमारी सरकार कितनी जिम्मेदार है। हम गरीबों और मध्य वर्ग की पीड़ा समझते हैं और पूरे समय यही विचार कर रहे हैं कि उनके लिए क्या किया जा सकता है। वंचितों की पीड़ा समझते हैं। हम देख रहे हैं कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं।’ सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नए उपाय किए जा रहे हैं। आपात ऋण गारंटी योजना का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि संकट में पड़े क्षेत्रों को सहारा देने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए यह एकदम अनूठा उपाय है। पिछले साल उनका मंत्रालय संकट में फंसे क्षेत्रों के लिए समाधान नहीं निकाल पाया था। मगर इस साल इस दिशा में तेजी से काम हो
रहा है। वित्त मंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन और सरकारी व्यय को लेकर हो रही आलोचनाओं पर कहा, ‘इस बार का बजट महामारी को नजर में रखकर ही बनाया गया है। सबसे पहले मैं सुनिश्चित करूंगी कि बजट में जो कुछ भी कहा गया है, उसका क्रियान्वयन हो और क्रियान्वयन पर मेरी नजर है।’ पिछले साल की तरह खातों में नकदी भेजने की योजना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि बजट लागू हुए अभी केवल दो महीने हुए हैं। बजट के असर का पूरा जायजा लेने के बाद ही कुछ और सोचा जाएगा। स्वास्थ्य पर बजट आवंटन बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में आवंटन बढ़ाया ही गया है मगर इसे सकल घरेलू उत्पाद के 6 या 10 फीसदी पर पहुंचाने की सलाह दी जा रही है। सलाह सही है। मगर पहले सुनिश्चित करना होगा कि जो आवंटन किया जा रहा है, उसका जमीनी स्तर पर उपयोग हो।

First Published : June 4, 2021 | 11:08 PM IST