कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अगले तीन महीनों में अपने आईटी सिस्टम को पूरी तरह से अपडेट कर देगा। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को बताया कि यह कदम ईपीएफओ के मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स के लिए सर्विसेस को ज्यादा आसान और एफेक्टिव बनाने के लिए उठाया जा रहा है।
पिछले साल जुलाई में, ईपीएफओ के कुछ अधिकारियों ने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर पुराने और कमजोर सॉफ्टवेयर सिस्टम के बारे में शिकायत की थी, जिससे कस्टमर्स को काफी प्रॉब्लम्स हो रही थीं। इसे देखते हुए ईपीएफओ के आईटी सिस्टम को सुधारने और नए प्लेटफॉर्म पर स्मूथ शिफ्टिंग के लिए यह कदम उठाया गया है।
ईपीएफओ आईटी सिस्टम 2.01 का आगाज
ईपीएफओ आईटी सिस्टम 2.01 की शुरुआत सरकार की उस बड़ी प्लानिंग का हिस्सा है, जो मेंबर्स की लाइफ को आसान बनाने और एम्प्लॉयर्स के लिए कंप्लायंस को स्मूथ बनाने पर केंद्रित है। आने वाले महीनों में इस प्रोजेक्ट के तहत मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स के ट्रांजैक्शन्स को ज्यादा सिंपल और फास्ट किया जाएगा।
इस नए सिस्टम से केंद्रीकृत क्लेम सेटलमेंट किया जाएगा, जिसमें क्लेम्स की पूरी तरह से ऑटोमैटिक प्रोसेसिंग, केंद्रीकृत मंथली पेंशन डिस्ट्रिब्यूशन और यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) आधारित ईपीएफ अकाउंटिंग शामिल हैं। इसके अलावा, जॉब बदलने पर मेंबर आईडी (MID) के ट्रांसफर की जरूरत को भी खत्म कर दिया जाएगा।
वित्त वर्ष 2024-25 में, ईपीएफओ ने आईटी प्रोसेसेज को और सिंपल बनाने का कदम उठाया है, जिसमें 100,000 रुपये तक के सभी प्रकार के ईपीएफ एडवांस क्लेम्स को ऑटो-मोड में प्रोसेस किया जाएगा। इससे लगभग 40 प्रतिशत एडवांस क्लेम्स ऑटो-मोड में ही निपटाए जा सकेंगे, जिससे क्लेम्स के सेटलमेंट में तेजी आएगी और मेंबर्स को टाइम पर सर्विसेस मिल सकेंगी।
केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने इस कदम को ईपीएफओ के मॉडर्नाइजेशन और सर्विसेज में सुधार की दिशा में एक इंपोर्टेंट पहल बताया, जो मेंबर्स और एम्प्लॉयर्स दोनों के लिए मददगार होगी।