अर्थव्यवस्था

Economic Growth: मूडीज ने बढ़ाया भारत की वृद्धि का अनुमान

भारत जी-20 देशों में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रह सकता है।

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शिवा राजौरा   
Last Updated- March 04, 2024 | 10:46 PM IST

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने सोमवार को 2024 के लिए भारत की अर्थव्यवस्था का वृद्धि अनुमान बढ़ा दिया है। मूडीज ने यह भी कहा है कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रह सकता है।

अपने नए व्यापक वैश्विक परिदृश्य के अनुमान में मूडीज ने कहा कि उसने 2024 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है। विनिर्माण गतिविधियां तेज होने और बुनियादी ढांचे पर किए जा रहे खर्च के समर्थन से वैश्विक और घरेलू दोनों स्तर पर देश की अर्थव्यवस्था में उम्मीद नजर आ रही है।

इसके पहले नवंबर में मूडीज ने 2024 में अर्थव्यवस्था में 6.1 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘साल 2023 में भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है। इसकी वजह से हम 2024 का वृद्धि अनुमान बढ़ा रहे हैं। भारत जी-20 देशों में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रह सकता है।’

रेटिंग एजेंसी ने 2025 के लिए भी वृद्धि अनुमान बढ़ाकर 6.4 फीसदी कर दिया है, जबकि पहले 6.3 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय और मजबूत विनिर्माण गतिविधियों ने 2023 की तेज वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है और आम चुनाव के बाद राजनीतिक निरंतरता बनी रहने पर बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान बने रहने की संभावना है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निजी औद्योगिक पूंजी में वृद्धि दर सुस्त रही है लेकिन आपूर्ति श्रृंखला में विविधीकरण और सरकार की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के कारण निजी निवेश में गति आने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘रिजर्व बैंक के मुताबिक प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा मंजूर प्राइवेट कॉर्पोरेट परियोजनाओं की लागत एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान 23 फीसदी बढ़ी थी। इससे संकेत मिलता है कि निजी पूंजीगत व्यय चक्र गति पकड़ रहा है। इसके साथ ही बढ़ते क्षमता उपयोग, ऋण में तेज वृद्धि और बढ़ी कारोबारी धारणा से निजी निवेश के परिदृश्य में सुधार के संकेत मिल रहे हैं।’

रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में तेज वृद्धि, वाहनों की बिक्री बढ़ने, ग्राहकों का भरोसा बढ़ने, ऋण में दो अंकों की वृद्धि से शहरी इलाकों में खपत बने रहने के संकेत मिलते हैं और इससे इस कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर मजबूत रह सकती है। वहीं आपूर्ति के हिसाब से देखें तो विनिर्माण के विस्तार और सेवा पीएमआई से ठोस आर्थिक गति के संकेत मिल रहे हैं।

मौद्रिक नीति पर वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि बेहतरीन वृद्धि और महंगाई दर 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर रहने के कारण हाल फिलहाल नीतिगत नरमी की संभावना नजर नहीं आ रही है। इसने कहा है, ‘रिजर्व बैंक ने फरवरी की बैठक में नीतिगत दर यथावत रखी है। महंगाई बने रहने और मजबूत वृद्धि दर को देखते हुए रिजर्व बैंक आने वाले महीनों में भी दरें यथावत रख सकता है।’

एक अन्य रिपोर्ट में इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट ने कहा है कि 2028 तक चीन की अर्थव्यवस्था काफी सुस्त हो जाएगी और उसकी वृद्धि दर 4 फीसदी से कम रह जाएगी। यह उम्मीद की जा रही है कि विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाएं अगले 5 साल तक वैश्विक जीडीपी वृद्धि में अहम भूमिका निभाएंगी। इनमें से प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वृद्धि दर 2024 से 2028 के बीच सबसे तेज रहेगी।

First Published : March 4, 2024 | 10:46 PM IST