अर्थव्यवस्था

सरकार की नई आयकर व्यवस्था से लघु बचत सुस्त; सुकन्या समृद्धि खाता, PPF जैसी योजनाओं पर दिख रहा असर

सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए शेष नकदी की निकासी, लघु बचत योजनाओं के तहत संग्रह और बॉन्ड बाजार की उधारी का उपयोग करती है।

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श्रीमी चौधरी   
Last Updated- August 03, 2024 | 11:09 AM IST

Small Saving Schemes: करीब 70 फीसदी करदाताओं का रुख नई आयकर व्यवस्था की ओर होने से सरकार की लघु बचत योजनाओं के तहत संग्रह कम हो गया है। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि लोक भविष्य निधि (PPF) जैसी प्रमुख लघु बचत योजनाओं में जमा होने वाली रकम और ग्राहकों की संख्या में खासी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि इसकी बड़ी वजह अ​धिकतर लोगों का नई कर व्यवस्था की ओर जाना है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास उपलब्ध नए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 के बीच पीपीएफ में जमा होने वाली रकम यानी प्राप्तियों में गिरावट दिखी है। अक्टूबर को छोड़कर 11 महीने के दौरान लगभग सभी महीनों की प्रा​प्तियों में गिरावट आई। सबसे अधिक गिरावट अप्रैल 2023, सितंबर 2023 और जनवरी 2024 में दर्ज की गई। अप्रैल 2023 में 58.52 फीसदी, सितंबर 2023 में 45.06 फीसदी और जनवरी 2024 में 42.06 फीसदी गिरावट आई।

सूत्र ने कहा कि सुकन्या समृद्धि खाता और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र जैसी योजनाओं की प्राप्तियों में भी गिरावट का संकेत मिल रहा है।

EY के वरिष्ठ सलाहकार सुधीर कपाड़िया ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि इसकी मुख्य वजह वही हो सकती है जो बैंक जमा के मामले में दिखी है यानी मुद्रास्फीति के हिसाब से रिटर्न की वास्तविक दरों में गिरावट।’

कपाड़िया ने कहा कि इस रुझान को म्युचुअल फंडों में निवेश करने वाले लोगों की तादाद में जबरदस्त वृद्धि के साथ देखा जाना चाहिए। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था को गति देने में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।

सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पाटने के लिए शेष नकदी की निकासी, लघु बचत योजनाओं के तहत संग्रह और बॉन्ड बाजार की उधारी का उपयोग करती है।

लघु बचत योजनाओं के ग्राहकों की संख्या 40 करोड़ से अधिक है। इन योजनाओं में निवेश पर ग्राहकों का कर लाभ मिलता है। इनमें राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), लोक भविष्य निधि (PPF), किसान विकास पत्र (KVP) और सुकन्या समृद्धि खाता जैसी 12 योजनाएं शामिल हैं। इनमें सुकन्या समृद्धि, पीपीएफ और एनएससी पर कर छूट भी मिलती है।

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘यह स्वाभाविक है, लेकिन यह सरकार के पक्ष में काम करेगा। आज बाजार से उधार लेना NSSF के मुकाबले सस्ता है क्योंकि इस फंड से किसी भी निकासी की लागत औसत लागत से 50 आधारअंक अधिक होगी। इसलिए यह सभी को नई कर व्यवस्था की ओर जाने के लिए प्रेरित कर रही है।’

जहां तक वित्त वर्ष 2025 के बजट अनुमान का सवाल है तो राष्ट्रीय लघु बचत प्राप्तियों के लिए जुलाई के पूर्ण बजट में अनुमान को 50,000 करोड़ रुपये घटाकर 14.2 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया जो अंतरिम बजट में 14.77 लाख करोड़ रुपये था।

PPF के लिए बजट अनुमानों में भी मामूली संशोधन किया गया है। पूर्ण बजट में PPF प्रा​प्तियों के अनुमान को मामूली घटाकर 1.77 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया जबकि अंतरिम बजट में यह आंकड़ा 1.79 लाख करोड़ रुपये था।

सरकार ने घोषणा की है कि वह जुलाई से सितंबर 2024 के दौरान लघु बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगी। सरकार के इस निर्णय का मतलब साफ है कि मौजूदा दरें चालू तिमाही के दौरान भी बरकरार रहेंगी।

वित्त मंत्रालय ने 28 जून को जारी एक विज्ञ​प्ति में कहा था, ‘वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए वि​भिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित रहेंगी।’

First Published : August 2, 2024 | 11:12 PM IST