अर्थव्यवस्था

आरबीआई के रुख से मांग में दिखी नरमी

वृद्धि बनाए रखने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता, दूसरी छमाही में पूंजी निर्माण और एआई निवेश में तेजी के संकेत

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- December 26, 2024 | 10:36 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति से जुड़े रुख और वृहद स्तर पर किए गए सतर्क उपायों के कारण वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान मांग में नरमी दिखी जिससे आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ गई। वित्त मंत्रालय ने अपनी ताजा मासिक आर्थिक समीक्षा में यह बात कही है। समीक्षा में कहा गया है कि कई अच्छी वजहें भी हैं जिनसे आगे वृद्धि के लिए बेहतर संभावनाएं दिखेंगी।

समीक्षा में कहा गया है कि आरबीआई द्वारा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कम करने से लोगों को कर्ज देने की रफ्तार में तेजी आएगी जो वित्त वर्ष 2025 में काफी कम हो गई थी। जुलाई-सितंबर की अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि अनुमान से अधिक धीमी हो गई और कम होकर 7 तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई।

समीक्षा में कहा गया है कि भारत के घरेलू आर्थिक बुनियादी मानकों के मुताबिक वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए सकारात्मक रुझान है बशर्ते कोई नई अनिश्चितता नहीं आ जाए। वित्त मंत्रालय ने दूसरी तिमाही के दौरान जीडीपी वृद्धि में मंदी के लिए सार्वजनिक पूंजीगत खर्च में कमी, वैश्विक स्तर की अनिश्चितताओं, अधिक क्षमता और डंपिंग के डर से प्रभावित निजी पूंजीगत खर्च के स्तर जैसे कारण बताए। मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘वृद्धि को बनाए रखने के लिए जरूरी होगा कि सभी आर्थिक हितधारक पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिलकर काम करें।’

समीक्षा में कहा गया है कि डॉलर की मजबूती और अमेरिका में नीतिगत दरों पर विचार करने से उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं पर दबाव बढ़ गया है। इसका असर भारत सहित अन्य देशों के मौद्रिक नीति निर्धारकों पर भी पड़ेगा।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में पूंजी निर्माण में वृद्धि के संकेत दिखाई दे रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च भी तेजी से बढ़ रहा है।

सरकार को उम्मीद है कि भारत में विदेशी निवेश में तेजी आएगी। कृषि क्षेत्र में उत्पादन की अच्छी संभावनाओं के कारण सरकार को उम्मीद है कि धीरे-धीरे खाद्य कीमतों का दबाव कम होगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत इस वक्त आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में दिख रही वृद्धि को भुनाने के लिए बेहतर स्थिति में है। इसलिए एआई स्टार्टअप में निवेश बढ़ रहा है।

First Published : December 26, 2024 | 10:36 PM IST