अर्थव्यवस्था

डिजिटल मार्केट को मुक्त रखने का अनुभव साझा करें देश

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दिए

Published by
रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 12, 2023 | 11:12 PM IST

डिजिटल क्षेत्र में निष्पक्ष व्यापार प्राधिकरण खासी भूमिका अदा कर सकते हैं। डिजिटल क्षेत्र में चुनिंदा प्रमुख प्लेटफॉर्म ग्राहकों के हितों का नुकसान कर सकते हैं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की चेयरपर्सन रनवीत कौर ने गुरुवार को कहा कि तेजी से बढ़ते बाजारों और तकनीकों ने प्रतिस्पर्धा कानून और नीतियों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।

कौर ने ब्रिक्स देशों के आठवें अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे लागू करने के अनुभव और बाजार के अध्ययन ने इन बाजारों को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है। हम खुद अपने को बेहतर कर रहे हैं, लागू करने के तरीके को अधिक प्रभावी बना रहे हैं और इन्हें लागू करने में आने वाली खाई को पाटने में प्रयासरत हैं।’

उन्होंने जोर देकर कहा कि डिजिटल तकनीक की बदौलत वृद्धि की गति को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। डिजिटल तकनीक के लिए समावेशन और नवाचार चाहिए। लिहाजा राष्ट्रों को डिजिटल मार्केट को मुक्त व प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए किए गए कार्यों के अनुभव को साझा करना चाहिए।

कौर ने कहा, ‘हम आर्टिफिशल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचेन और एल्गोरिदम के क्षेत्रों में साझा क्षमता अनिवार्य रूप से बनाएं। इससे डिजिटल क्षेत्र में आसानी से आगे बढ़ सकेंगे।’ उन्होंने कहा कि उद्यमी हरित कारोबार को बढ़ावा दें। उनके लिए गैर प्रतिस्पर्धा बाधाओं को दूर किए जाना सुनिश्चित किया जाए।

ऐसी स्थिति में यह अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है कि समझौतों को मूल्यांकन करने वाला स्पष्ट मसौदा हो और इसके चिरस्थायी आयाम हों। उन्होंने कहा, ‘लिहाजा परस्पर संवाद करना फायदेमंद है। इससे चुनिंदा मामलों व संदर्भ में क्यों और किस तरह का तरीके अपनाने का विकल्प और रास्ता मिलेगा। हमें सॉफ्ट कानून लागू करने का तंत्र स्थापित करने की जरूरत है।’

कौर ने देशों से अनुरोध किया कि वे यथार्थवादी अंतर्दृष्टि को साझा करें। वे बढ़ते प्रतिस्पर्धी मुद्दों से निपटने के सर्वश्रेष्ठ तरीके को भी साझा करे। इससे कारोबार के निष्पक्ष व्यापार कानून बेहतर होंगे।

कौर ने देशों से अनुरोध किया कि वे यथार्थवादी अंतर्दृष्टि को साझा करें। वे बढ़ते प्रतिस्पर्धी मुद्दों से निपटने के सर्वश्रेष्ठ तरीके को भी साझा करे। इससे कारोबार के निष्पक्ष व्यापार कानून बेहतर होंगे।

ब्रिक्स संगोष्ठी में ब्रिक्स और अन्य देशों को 600 प्रतिनिधि उपस्थित हुए। इसमें विभिन्न देशों के कानून विशेषज्ञ, गैर सरकारी सलाहाकार और भारत के विशेषज्ञ थे। कौर ने कहा, ‘इस नेटवर्क ने हमें प्रतिस्पर्धी कानून को ग्लोबल साउथ के नजरिये से देखने का अवसर मुहैया करवाया है।’इस सालाना सत्र के दौरान ब्रिक्स के साझा दस्तावेज भी जारी किए गए।

First Published : October 12, 2023 | 11:12 PM IST