लाल सागर के संकट, विकसित देशों में मांग कम होने और जिंसों के गिरते दाम के बीच जनवरी महीने में वस्तु यानी माल का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बढ़कर 3 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
हालांकि व्यापार घाटा (निर्यात और आयात के बीच अंतर) जनवरी महीने में थोड़ा बढ़कर 17.49 अरब डॉलर हो गया है, जो दिसंबर में 16.03 अरब डॉलर था। वाणिज्य विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इसकी वजह निर्यात की तुलना में आयात में तेज बढ़ोतरी है।
जनवरी में आयात 54.41 अरब डॉलर का रहा है, जो 4.17 फीसदी अधिक है। भारत ने जनवरी में 36.92 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया, जबकि एक साल पहले के समान महीने में 35.78 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। सरकार से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि अगर लाल सागर क्षेत्र में चुनौती नहीं आती तो भारत से निर्यातित वस्तुओं का मूल्य और अधिक रहा होता।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने संवाददाताओं से कहा कि शुरुआत में सरकार इस बात से चिंतित थी कि लाल सागर संकट के कारण निर्यात घट सकता है। लाल सागर क्षेत्र में संकट को लेकर कठिन परिस्थितियों से उबरने के लिए वाणिज्य विभाग ने अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ बैठक की थी, जिसमें यह चर्चा हुई कि इन कठिन परिस्थितियों से कैसे निपटा जा सकता है। निर्यात में वृद्धि की एक वजह यह भी हो सकती है।
बड़थ्वाल ने कहा, ‘हमने बैंकों से यह भी कहा कि इस दौरान निर्यातकों को अधिकतम ऋण दिया जाए। एग्जिम बैंक और ईसीजीसी को कहा गया कि बीमा की दरें नहीं बढ़ाई जानी चाहिए। मुझे लगता है कि इसकी वजह से कुल मिलाकर सकारात्मक मानसिकता बनी और इसकी वजह से विपरीत परिस्थितियों में भी निर्यात में वृद्धि हुई है।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल के दौरान भी निर्यात धनात्मक क्षेत्र में बना रहेगा।
विश्व के 30 फीसदी कंटेनरों की आवाजाही और 12 फीसदी वैश्विक कारोबार के लिए लाल सागर अहम है। भारत का यूरोप के साथ 80 फीसदी कारोबार इस मार्ग से होता है।
भारत ने दिसंबर में 38.45 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था। लेकिन कुल मिलाकर इस वित्त वर्ष में अप्रैल से जनवरी के दौरान निर्यात 4.89 फीसदी घटकर 351.92 अरब डॉलर रह गया है, जबकि आयात 6.71 फीसदी गिरकर 561.2 अरब डॉलर रहा है।
जनवरी महीने में गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण निर्यात, जिसे प्रमुख निर्यात कहा जाता है, 2.5 फीसदी बढ़कर 26.12 अरब डॉलर रहा है। वहीं दूसरी तरफ गैर पेट्रोलियम और गैर रत्न एवं आभूषण का आयात 5.18 फीसदी गिरकर 33.72 अरब डॉलर रहा है।
जनवरी महीने में भारत का वस्तु निर्यात 30 सेक्टर में से 12 सेक्टर में कम हुआ है। जनवरी में जिन प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में कमी आई है, उनमें रत्न एवं आभूषण (-1.25 फीसदी), रेडीमेड गार्मेंट्स (-3.46 फीसदी), मानव निर्मित धागे (-4.33 फीसदी), जूट (-19.45 फीसदी) शामिल हैं।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में पेट्रोलियम उत्पाद (6.57 फीसदी), ड्रग्स ऐंड फार्मास्यूटिकल्स (6.84 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक्स सामान (9.3 फीसदी), इंजीनियरिंग के सामान (4.2 फीसदी) शामिल हैं।
वहीं 30 में से 17 सामान का माल आयात संकुचित हुआ है। इनमें ट्रांसपोर्ट उपकरण (-20.6 फीसदी), प्रोजेक्ट गुड्स (-43.94 फीसदी), आयरन और स्टील (-7.47 फीसदी) शामिल हैं। जनवरी महीने में सोने के आयात में 173.63 फीसदी की वृद्धि हुई है और 1.91 अरब डॉलर का सोना भारत आया है। ईईपीसी के चेयरमैन अरुण कुमार गारोडिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में उतार-चढ़ाव रहा है, लेकिन दूसरी छमाही बेहतर रहेगी।