अर्थव्यवस्था

FTA पर स​मिति बनेगी, वा​णिज्य मंत्रालय की उद्योगों को मदद पहुंचाने की रणनीति

FTA के फायदों की जानकारी देने के लिए निर्यात सलाहकार पैनल गठित किए जाएंगे।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- January 28, 2024 | 10:09 PM IST

वाणिज्य मंत्रालय मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के फायदों की जानकारी देने के लिए ‘निर्यात संवर्द्धन समिति’ बनाने की योजना बना रहा है। इस पैनल या दल में उद्योगों के वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल होंगे। इस मामले के जानकार लोगों के मुताबिक सरकार मुक्त व्यापार समझौतों का निर्यातकों को ज्यादा लाभ पहुंचाने के लिए रणनीति बना रही है।

निर्यातकों को कुछ एफटीए के कारण चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार निर्यातकों की मदद करने के लिए ‘डिजिटल ढांचा’ तैयार करने पर भी विचार कर रही है।

इस मामले के जानकार व्यक्ति ने बताया कि इससे निर्यातकों को मदद मिलेगी और वे एफटीए में उपलब्ध संभावनाओं का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर पाएंगे। भारत ने विदेशी नीति को बेहतर बनाने के लिए अपने शीर्ष कारोबारी साझेदारों के साथ कई एफटीए पर बातचीत की है। इसके मद्देनजर यह घटनाक्रम हुआ है।

अभी तक भारत ने अपने कारोबारी साझेदारों के साथ 13 एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से तीन व्यापार समझौते 2021 के बाद मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए हैं। अभी भारत ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन (ईयू), ओमान, पेरू और यूरोपियन मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) देशों के साथ समझौता करने के लिए बातचीत कर रहा है।

एक दर्जन से ज्यादा समझौता करने के बावजूद भारत के निर्यातक इनका कम ही फायदा उठा पा रहे हैं। इसका कारण यह है कि इनमें से कई समझौते 10-15 वर्ष पुराने हैं। इन समझौतों में जापान, दक्षिण कोरिया, आसियान सहित कई एफटीए साझेदार देशों को भारत को होने वाले आयात की तुलना में निर्यात कम होता है।

निर्यात की तुलना में आयात अधिक होने के अलावा भी कारोबारी घाटा अधिक होने के कई कारण हैं। इनमें से एक कारण यह भी है कि निर्यातक एफटीए के तहत उपलब्ध रियायती शुल्क का भी इस्तेमाल नहीं कर पाए।

निर्यातकों को उद्गम के प्रमाणपत्र के लिए जटिल मानवीय प्रक्रिया और उससे संबंधित प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसी तरह उद्योग में एफटीए, गैर शुल्कीय बाधाओं और चुनिंदा मानदंडों के पालन को लेकर कम जागरूकता है। लिहाजा ऐेसे में एफटीए का फायदा उठाने के लिए नई रणनीति की जरूरत है।

इस क्रम में नया डिजिटल मंच शुरू किया जाएगा। इस डिजिटल मंच से भारत के निर्यातकों और उद्यमियों को मार्केट की पहुंच के विभिन्न विनियामकों, क्षेत्रों, निर्यात रुझानों और एफटीए के अंतर्गत कारोबारी सुगमता के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

इस मामले के एक जानकार व्यक्ति ने बताया, ‘सरकार एफटीए के बारे में सूचनाओं को उचित ढंग से साझा करना चाहती है। प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौतों के बारे में लोगों की राय जानने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जाएगा।’

First Published : January 28, 2024 | 10:09 PM IST