अर्थव्यवस्था

PM Vishwakarma योजना को कैबिनेट की मंजूरी, कारीगरों को मिलेगा सस्ता लोन; सरकार ने किया 13,000 करोड़ रुपये का आवंटन

PM Vishwakarma scheme के तहत बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई सहित लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को फायदा होगा

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 16, 2023 | 4:09 PM IST

15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से संबोधन के एक दिन बाद ही बड़ा ऐलान हुआ। यह ऐलान भारत के निम्न मध्यम वर्गीय व्यापारियों के लिए हुआ है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 13,000 करोड़ रुपये की पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma scheme) को मंजूरी दे दी, जिससे बुनकरों, सुनारों, लोहारों, कपड़े धोने वाले श्रमिकों और नाई सहित लगभग 30 लाख पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को फायदा होगा।

क्या है PM Vishwakarma scheme? लोन पर कितना लगेगा ब्याज? 

संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद कहा कि योजना के तहत, शिल्पकारों को पहली किश्त में 1 लाख रुपये और दूसरी किश्त में 2 लाख रुपये का रियायती कर्ज प्रदान किया जाएगा।

कर्ज 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि यह योजना 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर लॉन्च की जाएगी।

किन्हें मिलेगा PM Vishwakarma scheme का फायदा?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं। इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं।

वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था।

केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी। इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा। इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा।

First Published : August 16, 2023 | 4:02 PM IST