HCL co-founder Ajai Chowdhry at BS Manthan
BS Manthan 2025, Day 2: नई दिल्ली में शुक्रवार को बिजनेस स्टैंडर्ड के वार्षिक समिट मंथन के दूसरे एडिशन में एचसीएल के सह-संस्थापक अजय चौधरी ने कहा कि भारत को अपनी क्वांटम सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है ताकि क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, फाइनेंशियल सिस्टम और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुरक्षित रखा जा सके।
उन्होंने बताया कि फिनलैंड और सिंगापुर जैसे छोटे देश भी क्वांटम रिसर्च पर 400 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर तक का निवेश कर रहे हैं। चौधरी ने आगाह किया कि अगर उच्च गति वाली क्वांटम कंप्यूटर टेक्नोलॉजी विकसित हो जाती है, तो यह हर देश के लिए बड़ा साइबर सुरक्षा खतरा बन सकती है।
यह भी पढ़ें: BS Manthan 2025, Day 2: हम भारत में एक मजबूत कंपोनेंट इकोसिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं- Sunil Vachani
क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
चौधरी के मुताबिक, Quantum Key Distribution (QKD) जैसी तकनीकों को अपनाने से भारत क्वांटम सिक्योर बन सकता है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर भविष्य में क्वांटम आधारित साइबर अटैक होते हैं, तो वित्तीय सिस्टम फेल होने या बिजली ग्रिड ठप पड़ने जैसी समस्याएं रोकी जा सकें।
उन्होंने कहा, “हमारे पास स्टार्टअप्स द्वारा विकसित ऐसे प्रोडक्ट्स पहले से मौजूद हैं, जिन्हें अपनाकर क्वांटम थ्रेट्स से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।”
भारत को क्वांटम सुरक्षित बनाने की जरूरत: चौधरी
क्वांटम टेक्नोलॉजी की अहमियत पर जोर देते हुए चौधरी ने कहा कि गलवान घटना के दौरान चीन ने भारत की सीमा पर इलेक्ट्रिकल ग्रिड को डाउन कर दिया था, और यह बिना क्वांटम तकनीक के किया गया था। उन्होंने कहा, “सोचिए, जब क्वांटम कंप्यूटिंग पूरी क्षमता तक पहुंच जाएगी, तब खतरे कितने बढ़ सकते हैं।”
चौधरी ने यह भी कहा कि भारत को यह देखना होगा कि क्वांटम तकनीक का इस्तेमाल अपने विकास को तेज करने के लिए कैसे किया जा सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि क्लासिकल कंप्यूटर पूरी तरह से क्वांटम कंप्यूटर से नहीं बदले जाएंगे। क्लासिकल कंप्यूटर सामान्य कार्यों के लिए इस्तेमाल होंगे, जबकि क्वांटम कंप्यूटर खास उद्देश्यों जैसे फाइनेंशियल मॉडलिंग के लिए उपयोग किए जाएंगे।
भारतीय चिप्स बनाने पर देना होगा जोर- अजय चौधरी
बिजनेस स्टैंडर्ड के वार्षिक समिट BS Manthan में बोलते हुए अजय चौधरी ने कहा, “हम अभी सेमीकंडक्टर बनाने की प्रक्रिया को समझ रहे हैं।” उन्होंने भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर की संभावनाओं पर चर्चा की और कहा कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए मजबूत रणनीति अपनाने की जरूरत है।
अजय चौधरी ने जोर देकर कहा कि भारत को अपने खुद के “इंडियन चिप्स” बनाने पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें सेमीकंडक्टर निर्माण की पूरी प्रक्रिया अभी सीखनी है। हमें ज़ीरो लेवल से लोगों को प्रशिक्षित करना होगा।” इस दिशा में सरकार और संस्थानों ने मिलकर 50,000 लोगों को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए ट्रेनिंग देने की योजना बनाई है। इसके तहत देशभर की यूनिवर्सिटीज को विशेष लक्ष्य दिए गए हैं, ताकि इस क्षेत्र में कुशल प्रतिभा विकसित की जा सके।