अर्थव्यवस्था

अमेरिकी प्रतिबंधों का असर: रूस से तेल आपूर्ति में गिरावट, BPCL ने जताई चिंता

मार्च तिमाही में रूसी तेल की हिस्सेदारी घटकर 20% होने का अनुमान, पश्चिम एशिया से आपूर्ति पर ध्यान

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भाषा   
Last Updated- January 23, 2025 | 11:25 PM IST

रूस के तेल क्षेत्र पर लगाए गए व्यापक अमेरिकी प्रतिबंधों का भारत में कच्चे तेल की आवक पर असर पड़ना शुरू हो गया है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने कहा है कि मार्च की आपूर्ति के लिए पर्याप्त कार्गो उपलब्ध नहीं है। अमेरिका ने 10 जनवरी को रूसी ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाते हुए व्यापक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

इनमें रूसी तेल उत्पादकों गैजप्रोम नेफ्ट और सर्गुटनेफ्टगास पर प्रतिबंध, रूसी ऊर्जा निर्यात में शामिल 183 जहाजों को काली सूची में डालना और दर्जनों तेल व्यापारियों, तेल क्षेत्र सेवा प्रदाताओं, टैंकर मालिकों एवं प्रबंधकों, बीमा कंपनियों और ऊर्जा अधिकारियों पर प्रतिबंध शामिल हैं।

इन प्रतिबंधों की घोषणा ऐसे समय में की गई जब भारत की तेल रिफाइनिंग कंपनियां मार्च के कार्गो के लिए बातचीत शुरू कर रही थीं। बीपीसीएल के निदेशक (वित्त) वी रामकृष्ण गुप्ता ने गुरुवार को विश्लेषकों से बातचीत में कहा कि पिछले दो महीनों में जनवरी और फरवरी के लिए रूसी तेल की बुकिंग की गई थी लेकिन मार्च की आपूर्ति के लिए पर्याप्त कार्गो नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की आपूर्ति में रूसी तेल की हिस्सेदारी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के 31 प्रतिशत से घटकर मार्च तिमाही में 20 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में अप्रैल 2024 में बीपीसीएल के द्वारा पंसंस्कृत किए गए कुल तेल में रूसी तेल की हिस्सेदारी 34-35 प्रतिशत थी।

रूस से तेल आपूर्ति बाधित होने की आशंका के बीच गुप्ता ने कहा कि बाजार में पर्याप्त तेल उपलब्ध है और कंपनी इस नुकसान की भरपाई के लिए पश्चिम एशियाई देशों का रुख कर सकती है।

First Published : January 23, 2025 | 10:39 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)