नई वाहन कबाड़ नीति का ऐलान

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:52 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात सरकार द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलन में आज बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति पेश करने का औपचारिक ऐलान कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नई नीति से करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होगा।
सम्मेलन को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य इस नीति के माध्यम से पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से सड़कों से हटाना है। उन्होंने कहा, ‘यह नीति कचरे से कंचन (वेस्ट टू वेल्थ) अभियान और चक्रीय अर्थव्यवस्था की अहम कड़ी है। यह पुन: उपयोग, पुनर्चक्रण और पुन:प्राप्ति के सिद्घांत के साथ वाहन एवं धातु क्षेत्रों को बहुत फायदा पहुंचाएगी। यह शहरों में प्रदूषण घटाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ तेज विकास की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाती है।’ मोदी ने बताया कि पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने पर स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जिसका उपयोग नए वाहन खरीदते समय किया जा सकता है। इसके तहत नया वाहन खरीदने पर पंजीकरण शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी। सरकार पथ कर में भी कुछ रियायत देने की संभावना तलाश रही है।
द अर्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक (पृथ्वी विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन इकाई) सुमित शर्मा ने कहा, ‘पुराने और खटारा वाहनों को सड़कों से हटाना बहुत ही आवश्यक कदम है।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी करीब 23 फीसदी है और पुराने वाहनों की जगह नए वाहनों के आने से यह स्तर घटकर 16 फीसदी रह सकता है। साइंस ऐंड एन्वायरनमेंट की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि पुराने उत्सर्जन मानक वाला एक ट्रक बीएस-6 मानक वाले ट्रक की तुलना में 36 गुना ज्यादा प्रदूषक पर्यावरण में छोड़ देता है। उन्होंने कहा कि निजी वाहन बेचने पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की बात भी हो क्योंकि इससे शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। 

 

मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने इस कदम की सराहना की मगर कहा कि इसका असर फौरन नजर नहीं आएगा। उन्होंने कहा, ‘कारों की बिक्री पर इस नीति का असर अभी दूर की बात है। मगर अच्छी बात यह है कि अब हमारे पास कबाड़ नीति है और हम इसके साथ आगे बढ़ सकते हैं।’
फिटनेस कबाड़ केंद्रों के लिए नियम जारी होने के साथ ही इस साल 1 अक्टूबर से पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने का काम शुरू हो जाएगा। सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों के वाहनों के लिए फिटनेस जांच 1 अप्रैल, 2022 से शुरू होगी। भारी वाहनों के लिए फिटनेस जांच 1 अप्रैल, 2023 से और बाकी श्रेणियों के लिए 1 जून, 2024 से शुरू होगी। नोमुरा में ऑटो रिटेल प्रैक्टिस के प्रमुख हर्षवर्धन शर्मा ने कहा कि 1990 को आधार वर्ष मानें तो अभी करीब 37 लाख व्यवसायिक वाहन और करीब 52 लाख यात्री वाहनों को खुद ही कबाड़ हो जाना चाहिए।

इसी कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में अभी करीब 1 करोड़ कारें वैध फिटनेस मानदंड के बिना सड़कों पर दौड़ रही हैं। इनकी वजह से पर्यावरण में प्रदूषण भी बढ़ रहा है और ईंधन का खर्च भी बढ़ रहा है।

First Published : August 14, 2021 | 12:34 AM IST