अर्थव्यवस्था

स्वच्छ ऊर्जा में निवेश पर जोर, भारत के साथ मिलकर काम करेगा अमेरिका

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘एक-दूसरे की महारत और संसाधनों का फायदा उठाकर हम सक्रियता के साथ आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- July 17, 2023 | 10:29 PM IST

भारत में स्वच्छ ऊर्जा अपनाए जाने की रफ्तार बढ़ाने के लिए निजी निवेश बढ़ाने और किफायती पूंजी उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका उसके साथ मिलकर एक निवेश मंच पर काम करेगा। जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक में यहां आईं अमेरिका की वित्त मंत्री जैनेट येलन ने आज यह बताया।

इस तीसरी बैठक के दौरान भारत और अमेरिका ने अलग से द्विपक्षीय बातचीत की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘एक-दूसरे की महारत और संसाधनों का फायदा उठाकर हम सक्रियता के साथ आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं, नवाचार को सहारा देते हैं और पर्यावरण के अनुकूल विकास करते हैं।’

दोनों वित्त मंत्रियों ने साथ मिलकर मीडिया को संबोधित किया, जिसमें येलन ने बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार की भी बात की, जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा, ‘इन क्षेत्रों में सुधार आगे बढ़ने के बाद ही हमें पूंजी बढ़ाने के नए अवसर तलाशने चाहिए।’

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बहुपक्षीय विकास बैंकों को सुदृढ़ बनाने के लिए गठित स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) में 100 अरब डॉलर की नई इक्विटी पूंजी डालने की सख्त जरूरत है। अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि जो उपाय पहले से किए जा रहे हैं या जिन पर विचार किया जा रहा है, उनके जरिये एमडीबी अगले दशक में 200 अरब डॉलर हासिल कर सकते हैं।

येलन ने कहा, ‘वैश्विक चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटना है तो इस तरह की बैठकों का इस्तेमाल हितधारकों के उस समूह को मजबूती देने के लिए करना जरूरी है, जो समूह एमडीबी की सोच, प्रोत्साहन ढांचे, कामकाज के तरीकों और वित्तीय क्षमता के लिए अधिक महत्त्वाकांक्षी विशिष्ट सुधारों की दिशा में काम कर रहा है।’

उन्होंने कहा कि इन प्रयासों में मदद करनी है तो वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व बैंक की रियायती ऋण की क्षमता बढ़ाने और कम आय वाले देशों को सहारा देने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘भारत की भागीदारी इस प्रयास में सफलता की कुंजी होगी।’

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येलन ने यह भी कहा कि एशिया के बाहर सबसे बड़ा भारतीय समुदाय अमेरिका में है और यह भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में इसमें और इजाफा होगा।’ वित्त वर्ष 2023 में भारत और उसके सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार अमेरिका के बीच 128.78 अरब डॉलर के सामान का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।

अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि दोनों देश समावेशी ढांचे में द्विआयामी वैश्विक कर करार पर सहमति के करीब हैं। इस समझौते के अनुसार सबसे बड़ी और लाभदायक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मुनाफे पर उस देश में कर लगाया जाता है, जहां उसके उत्पादों या सेवाओं का उपयोग किया जाता है और फिर बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर न्यूनतम वै​श्विक कर लगाने का प्रावधान है।

जी 20 देशों के एफएमसीबीजी की तीसरी बैठक शुरू

जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की तीसरी बैठक शुरू होने पर सीतारमण ने खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों से पार पाने के लिए बेहतर तालमेल वाले अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का आह्वान किया।

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उन्‍होंने कहा, ‘हमें चुनौती भरे इस दौर से निपटने के लिए समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास करने की आवश्यकता है। जी20 फ्रेमवर्क कार्यसमूह ने खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित वृहद आर्थिक चुनौतियों से निपटने पर गौर किया है।’

दुनिया अधिक चुनौतीपूर्ण होगी: विश्‍व बैंक

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने जी20 एफएमसीबीजी की बैठक के दौरान कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की राह काफी कठिन होती है। भारत ने किसी की भी उम्‍मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि आगे चुनौतियां नहीं होंगी।

First Published : July 17, 2023 | 10:29 PM IST