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अग्रिम कर संग्रह ने भरा खजाना

Last Updated- December 12, 2022 | 3:37 AM IST

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अग्रिम कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 1.5 गुना बढ़ा है। इसके साथ ही प्रत्यक्ष कर संग्रह भी इस दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब दोगुना हुआ है। कर संग्रह में तेजी से कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलते हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से आज जारी आंकड़ों के अनुसार पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अग्रिम कर संग्रह 146 फीसदी बढ़कर 28,780 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 11,714 करोड़ रुपये था। कुल अग्रिम कर में से निगमित कर 18,358 करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर 10,422 करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘कर संग्रह के आंकड़ों में इजाफा होने की उम्मीद है क्योंकि बैंकों से अभी और जानकारी मिलनी बाकी है।’
किसी वित्त वर्ष में कमाई का आकलन कर अग्रिम कर का भुगतान चार किस्तों में किया जाता है। इसे आर्थिक परिदृश्य का संकेतक भी माना जाता है। पहली किस्त के तौर पर 15 फीसदी का भुगतान 15 जून तक करना होता है, दूसरी किस्त 15 सितंबर तक (30 फीसदी), तीसरी किस्त 15 दिसंबर तक (30 फीसदी) और चौथी एवं अंतिम किस्त का भुगतान 15 मार्च तक करना होता है।
रिफंड के बाद शुद्घ प्रत्यक्ष कर संग्रह 15 जून तक 100.4 फीसदी बढ़कर 1.85 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल इस अवधि में 92 हजार करोड़ रुपये था। रिफंड के बाद निगमित कर 74 हजार करोड़ रुपये रहा और व्यक्तिगत आयकर एवं प्रतिभूति लेनदेन कर 1.11 लाख करोड़ रुपये रहा।
इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में प्रत्यक्ष कर संग्रह में उछाल मजबूत निर्यात और औद्योगिक एवं निर्माण गतिविधियों में निरंतरता की वजह से आई है। पिछले साल की तुलना में इस बार कोरोना महामारी के दौरान पाबंदियां सख्त नहीं थी, जिससे उद्योग-धंधों को थोड़ी राहत मिली। नायर ने कहा कि कर संग्रह के आंकड़ों से पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में दो अंक में वृद्घि की उम्मीद है।
सकल कर संग्रह 2.16 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 57 फीसदी अधिक है। हालांकि कर रिफंड पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 32 फीसदी घटकर 30,731 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल इस दौरान 45,063 करोड़ रुपये रिफंड किए गए थे। बजट में प्रत्यक्ष कर से 11.08 लाख करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया गया है, जो 2020-21 की तुलना में 17 फीसदी अधिक है। पिछले साल प्रत्यक्ष कर संग्रह 9.47 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो उससे पिछले साल की तुलना में 9.7 फीसदी कम था। कोरोना और लॉकडाउन के कारण पिछले साल कर संग्रह में कमी आई थी। हालांकि यह संशोधित अनुमान 9.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा था।
कर अधिकारियों ने कहा कि कर राजस्व बढऩे में विवाद से विश्वास योजना का भी अहम योगदान रहा। इसके साथ ही वस्तु एवं सेवा कर के अनुपालन और प्रवर्तन में सुधार से भी कर संग्रह बढ़ा है। मुंबई में कर संग्रह करीब 96 फीसदी बढ़कर 55,000 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल पहली तिमाही में 28,000 करोड़ रुपये था। दिल्ली में यह 77 फीसदी बढ़कर 23,000 करोड़ रुपये रहा।

First Published - June 16, 2021 | 11:04 PM IST

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